दिल्ली में दंगे की अफवाह फैलाने के पीछे बड़ी साजिश का खुलासा
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि इस साल फरवरी महीने में दिल्ली में हुए दंगे देश को परेशान करने की बहुत बड़ी साजिश थी, लेकिन रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) ने समय रहते स्थिति को बेहतर तरीके से संभाल लिया। अराजकता फैलाने वाले तत्वों को दबाने में विशेष भूमिका निभाई। इससे पहले भी उपद्रवियों के खिलाफ आरएएफ ने ऑपरेशन चलाया है।
बुधवार को गांव कादरपुर स्थित सीआरपीएफ के समूह केंद्र के परेड ग्राउंड में रैपिड एक्शन फोर्स की 28वीं वर्षगांठ पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए नित्यानंद राय ने कहा कि दिल्ली दंगे में जहां 53 लोग मारे गए थे, वहीं लगभग 200 लोग घायल हो गए थे। यह आंकड़ा काफी अधिक होता लेकिन आरएएफ ने दंगाइयों के मंसूबों पर पानी फेर दिया। सीआरपीएफ के इस दंगा विरोधी शाखा का गठन 1992 में किया गया था। तबसे कभी भी इस बल ने सामान्य तौर पर बल प्रयोग नहीं किया।
फैसले का भाजपा ने किया स्वागत
उधर, शाहीन बाग प्रदर्शन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भाजपा ने स्वागत किया है। दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आम जनमानस को ध्यान में रखकर यह फैसला दिया है।
उन्होंने कहा कि शाहीन बाग का प्रदर्शन लगभग चार महीने चला, जिससे आम जनता को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। संविधान में विरोध का अधिकार है तो लोगों के आवागमन का भी अधिकार है। उन्होंने कहा कि भाजपा कहती रही है कि शाहीन बाग में प्रदर्शन कुछ पार्टियों द्वारा प्रायोजित था।
वहीं, दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का कहना बिल्कुल सही है कि विरोध प्रदर्शन के लिए किसी सार्वजनिक स्थान पर लंबे समय तक कब्जा जमाने की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन में ज्यादातर रोहिंग्या व बांग्लादेशी घुसपैठिये थे।
उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को अब यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में विरोध के नाम पर किसी को भी शाहीन बाग की तरह सड़क या अन्य किसी सार्वजनिक स्थान को बंद रखने की छूट न मिले।