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केदारनाथ की ऊंची चोटियों में बर्फबारी, उत्तराखंड के हिस्सों में आधी रात के बाद से सुबह तक बारिश

उत्तराखंड में बारिश का दौर जारी है। केदारनाथ की ऊंची चोटियों में सुबह के समय बर्फबारी हुई। वहीं, उत्तराखंड के अधिकांश हिस्सों में आधी रात के बाद से सुबह तक बारिश हुई। सुबह अधिकांश हिस्सों में मौसम छंटने लगा। मौसम विभाग के मुताबिक तीन जुलाई से उत्तराखंड में मानसून के जोर पकड़ने की संभावना है।

उत्तराखंड में मानसून की रफ्तार सुस्त है। कुमाऊं के कुछ हिस्सों को छोड़ अधिकांश जिलों में कम बारिश हो रही है। हालांकि, मौसम विज्ञान केंद्र ने तीन जुलाई से प्रदेश में मानसून के जोर पकड़ने की उम्मीद जताई है। पांच जुलाई से देहरादून समेत गढ़वाल के अन्य जिलों में भी तेज बारिश होने का अनुमान है।

बुधवार को प्रदेश के मैदानी इलाकों में आंशिक रूप से बादल छाये रहे और दिनभर उमस ने बेहाल किया। जबकि, पहाड़ों में कहीं-कहीं हल्की से मध्यम बारिश के एक से दो दौर हुए। दून में दिनभर बादलों और धूप की आंख-मिचौनी जारी रही। गर्मी और उमस के बाद देर शाम बारिश के आसार बने, लेकिन बारिश नहीं हुई। आधी रात के बाद दून, हरिद्वार सहित उत्तराखंड के अधिकांश हिस्सों में बारिश का दौर शुरू हुआ, जो गुरुवार की सुबह तक चला।

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के मुताबिक, अभी मौसम में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा। शुक्रवार से प्रदेश में बारिश का सिलसिला तेज हो सकता है। पांच जुलाई से देहरादून समेत गढ़वाल के टिहरी और रुद्रप्रयाग जिले में भी मानसून गति पकड़ सकता है।

चारधाम मार्ग पर कहीं-कहीं बारिश के आसार

मौसम विभाग की ओर से जारी चारधाम मार्ग विशेष बुलेटिन के अनुसार, मार्गों में कहीं-कहीं गर्जन वाले बादल विकसित हो सकते हैं और हल्की बारिश की संभावना है। इस दौरान उत्तरकाशी से गंगोत्री के बीच, टिहरी से उत्तरकाशी के बीच, रुद्रप्रयाग से केदारनाथ के बीच, जोशीमठ से बदरीनाथ व हेमकुंड के बीच, रुद्रप्रयाग से जोशीमठ और ऋषिकेश से रुद्रप्रयाग के बीच बारिश हो सकती है।

प्रमुख शहरों का तापमान

शहर—————-अधिकतम——-न्यूनतम

देहरादून—————-33.4———-23.1

मसूरी——————-25.2———-17.3

टिहरी——————-25.8———-19.0

उत्तरकाशी————-26.7———-19.4

हरिद्वार—————-36.3———-26.2

जोशीमठ—————-24.5———-15.1

पिथौरागढ़————–29.1———-20.2

अल्मोड़ा—————-28.7———-19.5

मुक्तेश्वर—————24.0———-16.0

नैनीताल—————-23.6———-17.4

चंपावत—————–26.5———-18.3

उधमसिंह नगर——–35.2———-27.1

जून में सामान्य से 20 फीसद कम बरसे मेघ

मौसम के अजीबो-गरीब मिजाज से मौसम विज्ञानी भी हैरान हैं। इस बार जहां प्री मानसून सीजन में हुई बारिश ने कई रिकॉर्ड तोड़े तो अब मानसून सक्रिय होने के बाद मेघ बरसने को तैयार नहीं हैं। पूरे जून की बात करें तो सामान्य से 20 फीसद कम बारिश हुई है। जबकि, 23 जून को मानसून की दस्तक के बाद से अब तक 47 फीसद कम बारिश हुई है।

मार्च से मई के बीच उत्तराखंड में बारिश का सिलसिला थम नहीं रहा था, इस दौरान बारिश ने कई कीर्तिमान भी बनाए। लेकिन, जून शुरू होने के बाद से ही बारिश का दौर कुछ कम हुआ और मानसून पहुंचने के बाद बारिश का सिलसिला न के बराबर हो गया। अब जैसे ही बीते 23 जून को कुमाऊं में मानसून ने दस्तक दी तो तेज हवाओं के साथ बौछारों का दौर शुरू हुआ।

25 जून तक मानसून समूचे उत्तराखंड में सक्रिय हो गया, लेकिन गढ़वाल मंडल में मेघों की बेरुखी रही। अभी तक गढ़वाल के जिलों में मानसून की बारिश सामान्य से 76 फीसद कम हुई है।

कुमाऊं में भी बागेश्वर और पिथौरागढ़ को छोड़कर अन्य जिलों में बारिश सामान्य से कम ही दर्ज की गई। बागेश्वर में मानसून की बारिश 214 फीसद अधिक हुई। वहीं जून में गढ़वाल मंडल में 32 फीसद कम बारिश दर्ज की गई। सर्वाधिक बारिश बागेश्वर में सामान्य से 117 फीसद अधिक और सबसे कम बारिश उत्तरकाशी में सामान्य से 61 फीसद कम रिकॉर्ड की गई।

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि इस बार जून में अच्छी बारिश की उम्मीद थी, लेकिन पश्चिमी विक्षोभ के सुस्त पडऩे से मानसून की सक्रियता प्रभावित हुई। साथ ही चक्रवात के भी उत्तर पश्चिम में थम जाने के कारण बारिश नहीं हो पा रही है।

जून में बारिश की स्थिति (मिमी में)

जनपद———-वास्तविक बारिश——सामान्य बारिश

अल्मोड़ा———-128——————–157

बागेश्वर———-341——————–157

चमोली————-84——————–105

चंपावत———–125——————–221

देहरादून———-129——————–193

पौड़ी—————-79——————–169

टिहरी————-127——————–142

हरिद्वार———–77——————–126

नैनीताल———-145——————–238

पिथौरागढ़——–307——————–274

रुद्रप्रयाग———-196——————–221

यूएस नगर——-180——————–153

उत्तरकाशी———-82——————–212

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