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गांधी बनाम सामूहिक नेतृत्व को लेकर कांग्रेस में मतभेद, सोनिया गांधी दे सकती हैं पद से इस्तीफा

कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाओं के बीच पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी आज कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) बैठक में पद से इस्तीफे की पेशकश कर सकती हैं। सोनिया कई बार पार्टी से नेतृत्व चुनने को कह चुकी हैं।  ऐसी स्थिति में यह भी संभव है कि वरिष्ठ नेताओ की ओर से ही यह कहा जा सकता है कि वही पूर्णकालिक अध्यक्ष बन जाएं। हालांकि, कांग्रेस ने सोनिया गांधी के अंतरिम अध्यक्ष पद छोड़ने की खबरों को गलत बताया है। पार्टी ने स्पष्ट किया है कि सोनिया गांधी इस्तीफा नहीं देने जा रहीं।

बैठक के पूर्व कांग्रेस पार्टी में पूर्णकालिक अध्यक्ष या सामूहिक नेतृत्व को लेकर 23 वरिष्ठ नेताओं के पत्र ने गांधी परिवार के नजदीकी नेताओं की बेचैनी बढ़ा दी है। बदलावों की वकालत करने वाले वरिष्ठ नेताओं के सुझावों और तर्को को पूरी तरह से खारिज करते हुए इन नेताओं ने सोनिया गांधी को ही पार्टी अध्यक्ष बनाए रखने या राहुल गांधी को दोबारा पार्टी की कमान सौंपने की मुहिम शुरू कर दी है। इन नेताओं में कई मुख्यमंत्री, सांसद और पूर्व मंत्री से लेकर पार्टी पदाधिकारी शामिल हैं।

गांधी परिवार ही पार्टी की खोई शान बहाल कर सकता है- कैप्टन अमरिंदर

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गांधी परिवार के नेतृत्व को चुनौती देने का विरोध करते हुए कहा है कि अभी यह समय इस तरह की बातों के लिए नहीं है। गांधी परिवार ही पार्टी की खोई शान बहाल कर सकता है और देश की अंदरूनी और बाहरी खतरों से रक्षा कर सकता है। कैप्टन ने कहा कि सोनिया गांधी जब तक चाहें अध्यक्ष रहें और उसके बाद राहुल गांधी पार्टी की कमान संभालें। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा कि पत्राचार से कुछ नहीं होगा। अच्छा होता कि पत्र लिखने वाले नेताओं ने जन आंदोलन से अपने नेतृत्व की क्षमता को साबित किया होता।

नेताओं ने सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुनने पर जोर दिया

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद, केके तिवारी, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, सांसद मनिकम टैगोर, पार्टी के सचिव सीवीसी रेड्डी और कर्नाटक के पूर्व सीएम सिद्दरमैया ने गांधी परिवार के प्रति भरोसा जताते हुए सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुनने पर जोर दिया है।

पार्टी को सर्वसम्मति से नेता चुनने का एक मौका दिया जाना चाहिए- सलमान खुर्शीद

सलमान खुर्शीद ने कहा कि चुनाव के बदले पार्टी को सर्वसम्मति से नेता चुनने का एक मौका दिया जाना चाहिए। पीटीआइ से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘मुझे इसमें तनिक भी संदेह नहीं है कि गांधी ही कांग्रेस के नेता हैं। यहां तक कि विपक्ष भी इससे इन्कार नहीं कर सकता। मुझे इसकी चिंता नहीं है कि अध्यक्ष होना चाहिए या नहीं, हमारे पास एक नेता (राहुल गांधी) है और यह मुझे बहुत सुकून देता है।’

बघेल व गहलोत ने भी गांधी परिवार के प्रति पूरी निष्ठा जताई

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी गांधी परिवार के प्रति पूरी निष्ठा जताई है। इनका कहना है कि अगर सोनिया गांधी ने पद छोड़ने का मन बना लिया तो राहुल गांधी को आगे आकर कांग्रेस अध्यक्ष बनना चाहिए,क्योंकि इस समय देश और संविधान को बचाने की सबसे बड़ी चुनौती है।

कांग्रेस का नेतृत्व राहुल गांधी को सौंपा जाना चाहिए- रिपून बोरा

असम कांग्रेस अध्यक्ष रिपून बोरा ने कहा कि कांग्रेस का नेतृत्व राहुल गांधी को सौंपा जाना चाहिए, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिर्फ उन्हें से डरते हैं। महाराष्ट्र कांग्रेस ने एक प्रस्ताव पारित कर राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने की मांग की। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बालासाहब थोरट ने प्रस्ताव रखा और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने उसका समर्थन किया।

सोनिया गांधी ही बनी रहें अध्यक्ष : अश्वनी कुमार

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व कानून मंत्री अश्वनी कुमार ने कहा कि यह समय चुनाव पर चर्चा करने का नहीं है, यह विभाजनकारी हो सकता है। एक साल पहले पार्टी के अनुरोध पर ही सोनिया गांधी ने अध्यक्ष पद स्वीकार किया था। उन्होंने मुश्किल समय में पार्टी को एकजुट बनाए रखा। उनके नेतृत्व पर सवाल उठाना गलत है। मौजूदा हालात में उन्हें ही पार्टी का अध्यक्ष बने रहना चाहिए। सोनिया गांधी के नेतृत्व में ही मसलों को सुलझाया जा सकता है। वरिष्ठ नेताओं द्वारा पत्र लिखने के समय और मकसद पर सवाल उठाते हुए कुमार ने कहा कि कुछ ऐसे नेता हैं जो हमेशा पार्टी को नुकसान पहुंचाते हैं। जबकि, पार्टी ने इन नेताओं को इतना कुछ दिया है, जिसके वो काबिल नहीं हैं।

सोनिया के भरोसेमंद चेहरे पर लगेगा दांव

कांग्रेस में पूर्णकालिक अध्यक्ष के चुनाव को लेकर उठी मांग के साथ ही अटकलों का बाजार भी गर्म हो गया है। लेकिन, यह तय माना जा रहा है कि जो भी चेहरा सामने आएगा, वह सोनिया का भरोसेमंद होगा। जिन नामों की चर्चा है उनमें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, महासचिव मुकुल वासनिक, वरिष्ठ नेता सुशील कुमार शिंदे और मल्लिकार्जुन खड़गे जैसे नाम शामिल हैं।

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