उत्तराखंड में कोरोना का बढ़ता प्रकोप, 708 केस एक्टिव
कोरोना के मोर्चे पर रविवार को हालात फिफ्टी-फिफ्टी रहे। एक तरफ जहां उत्तराखंड में 34 नए मामले आए हैं, वहीं 34 ही मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज भी हुए। प्रदेश में कुल संक्रमितों की संख्या 1819 हो गई है, जबकि 708 केस एक्टिव हैं। इधर, एम्स ऋषिकेश में कोटद्वार निवासी 61 वर्षीय बुजुर्ग की शुक्रवार रात मौत हो गई थी। उनकी कोरोना जांच रिपोर्ट अब पॉजिटिव आई है। जान गंवाने वाले कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा अब 25 हो गया है। उत्तराखंड में फिलहाल कोरोना के 675 एक्टिव केस हैं, जिनका अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है। 1111 लोग उपचार के बाद स्वस्थ हो चुके हैं। जबकि, कोरोना संक्रमित नौ लोग राज्य से बाहर जा चुके हैं।
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार रविवार को 1053 सैंपल की जांच रिपोर्ट मिली है, जिनमें 1019 सैंपल की रिपोर्ट नेगेटिव और 34 की पॉजिटिव आई है। देहरादून में 14 मामलों में कोरोना की पुष्टि हुई है। इनमें दिल्ली में ओएनजीसी अस्पताल में कार्यरत जीएमएस रोड निवासी 59 वर्षीय एक वरिष्ठ चिकित्साधिकारी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसके अलावा पॉजिटिव आए अन्य लोग मुंबई, उप्र के रामपुर, कासगंज, गाजियाबाद और दिल्ली से लौटे हैं। टिहरी में कोरोना संक्रमित 9 लोग मुंबई से लौटे हैं। जबकि हरिद्वार में दिल्ली से लौटे तीन, गाजियाबाद और कुवैत से लौटे एक-एक शख्स की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
उत्तरकाशी में कोरोना संक्रमित तीन लोग दिल्ली और झारखंड से लौटे हैं। नैनीताल और ऊधमसिंहनगर में एक-एक स्थानीय शख्स में कोरोना की पुष्टि हुई है। चिंताजनक यह कि इनकी कोई ट्रेवल हिस्ट्री भी नहीं है। चमोली में भी गुजरात से लौटे एक शख्स की रिपोर्ट पॉजिटिव है। इधर, रविवार को 34 मरीज डिस्चार्ज भी किए गए हैं, जिनमें 11 बागेश्वर, दस देहरादून, छह चंपावत, पांच नैनीताल और चमोली और अल्मोड़ा का एक-एक केस है।
क्वारंटाइन में दो और लोगों की मौत
क्वारंटाइन में मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। क्वारंटाइन दो और लोगों की रविवार को मौत हो गई। चमोली और हरिद्वार जिले में यह घटनाएं हुईं। इन्हें मिलाकर उत्तराखंड में अब तक 15 लोग क्वारंटाइन के दरम्यान मर चुके हैं।
चमोली जिले के देवाल विकासखंड के ल्वाणी गांव के पंचायत घर में बने क्वारंटाइन सेंटर में रखे गए 80 वर्षीय बुजुर्ग की रविवार सुबह मौत हो गई। वह अपने बेटे, बहू, पोते और एक अन्य रिश्तेदार के साथ 12 जून को गुड़गांव हरियाणा से घर आए थे। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने थर्मल स्क्रीनिंग के बाद उन्हें होम क्वारंटाइन भेजा था, लेकिन गांव वालों की राय पर बुजुर्ग और उनके साथ लौटे परिवार के छह सदस्यों को एहतियातन ग्राम सभा के क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे थे। शनिवार रात बुजुर्ग की तबीयत खराब हुई। सीएमओ डा.केके सिंह ने बताया कि रविवार को सुबह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र देवाल के प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. सैजाद अली टीम के साथ मौके पर पहुंचे। तब तक बुजुर्ग की मौत हो चुकी थी। डा. अली ने बताया आने वाले दिन वह स्वस्थ थे, बुजुर्ग की मौत बीमारी से हुई है। पूरे परिवार में कोरोना के लक्षण नहीं हैं। इन सभी की दुबारा उनकी थर्मल स्क्रीनिंग की गई है। कोरोना सैंपल लेने की व्यवस्था न होने और परिवार के अन्य लोगों में कोरोना के लक्षण न होने के चलते शव का अंतिम संस्कार करने की अनुमति स्वजनों को दे दी गई।
दूसरी घटना हरिद्वार में सामने आई। सीएमओ डा. सरोज नैथानी ने बताया कि काशीपुरा मोहल्ला निवासी महिला 11 जून को ससुराल से मां, नानी और भाई के साथ दिल्ली से लौटी थी और होम क्वारंटाइन थी। तबीयत खराब होने पर महिला ने ही मायके पक्ष को दिल्ली बुलाया था। शुक्रवार को स्वजन उसे जिला अस्पताल के फ्लू क्लीनिक लेकर पहुंचे, वहां डाक्टरों ने उन्हें जांच के लिए रुकने को कहा पर वह उसे निजी सिटी अस्पताल लेकर चले गए।
वहां से स्वजन उन्हें घर ले गए। रविवार सुबह महिला ने दम तोड़ दिया, इसके बाद स्वजनों ने उसका दाह संस्कार भी करा दिया, स्वास्थ्य विभाग को पड़ोस के लोगों से घटना का पता चला। सीएमओ डॉ सरोज नैथानी ने बताया कि निजी अस्पताल की तरफ से महकमे को इसकी सूचना नहीं दी गई। सीएमओ ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन से इस पर स्पष्टीकरण मांगा गया है। साथ ही दिल्ली से आए युवती के पति समेत पांच स्वजनों की कोरोना जांच के सैंपल लिए गए हैं।
प्रशासन ने किया मृतक का अंतिम संस्कार
बालावाला स्थित क्वारंटाइन सेंटर में युवक के आत्महत्या करने के बाद रविवार को पुलिस और प्रशासन की टीम ने रायपुर स्थित श्मशान घाट में शव का अंतिम संस्कार कर दिया है। बीते शुक्रवार को रानी दुर्गावती वार्ड, जबलपुर, मध्य प्रदेश निवासी साकेत बालावाला स्थित एक क्वारंटाइन सेंटर में फंदे से लटका मिला था। युवक की मौत के बारे में क्वारंटाइन सेंटर में तैनात नोडल अफसर और पुलिस को तब पता लगा, जब पड़ोस के कमरे में रह रहे एक परिवार ने कमरे से बदबू आने की शिकायत की।
पुलिस ने जब कमरे का दरवाजा तोड़ा तो देखा कि युवक पंखे से लटका हुआ था। शव दो-तीन दिन पुराना था। घटना की सूचना प्रशासन ने युवक के स्वजनों को दी। प्रशासन उनके आने का इंतजार कर रहा था, मगर वह देहरादून नहीं पहुंच सके। ऐसे में रविवार शाम करीब पांच बजे शव को रायपुर स्थित श्मशान घाट ले जाया गया। जहां पीपीई किट पहनकर पुलिसकर्मियों और नायब तहसील ने मृतक का अंतिम संस्कार किया। एसपी सिटी श्वेता चौबे ने बताया कि मृतक के स्वजनों को सूचित किया गया था, लेकिन वह नहीं पहुंचे। ऐसे में युवक का अंतिम संस्कार कर दिया गया है।