BAMS फर्जी चिकित्सक प्रकरण में 16 वीं गिरफ्तारी
BAMS फर्जी चिकित्सक प्रकरण में 16 वीं गिरफ्तारी
देहरादून। BAMS फर्जी चिकित्सक प्रकरण की जांच क्षेत्राधिकारी अनिल कुमार जोशी द्वारा संपादित की जा रही है जिसमें आज 16 वीं गिरफ्तारी की गई है। पुलिस टीम द्वारा आज फर्जी बीएएमएस चिकित्सक मौ0गुरफान पुत्र मौ0फार्रुख निवासी 6631-32 पहला फ्लोर चमेलियन रोड अहाता किदारा दिल्ली जीपीओ उत्तरी दिल्ली थाना सदर बाजार को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है पूछताछ में मौ0गुरफान द्वारा मै इमलाख के सम्पर्क मे उसके भाई सद्दाम जो उसका पीआरओ का काम देखता था के माध्यम से आया और दोनों ने बताया कि हम तुम्हे राजीवगाँधी इन्स्टीट्यूट आफ हैल्थ साईंस कर्नाटक बैंगलौर से BAMS की डिग्री दिला देंगे क्योंकि मेरा खुद का मेडिकल कालेज है जो उक्त यूनिवर्सिटी से सम्बद्ध है मै तुम्हे असली डिग्री दिलाऊंगा और तुम्हे हफ्ते मे 1 बार मेरे कालेज मे आकर हाजिरी देनी होगी।
जिसके लिए उसने फीस के रुप मे साढे छः लाख रुपये मुझसे मांगे क्योंकि मै अपने शैक्षिक योग्यता बढाना चाहता था और मुझे लगा कि ये मुझे असली डिग्री दिलायेगा तो मैने हाँ कह दिया । मै कुछ समय उसके कालेज मे भी गया जहाँ पर मुझे उसका भाई आसिफ भी मिला इन्होने बताया कि लास्ट मे मेरी परीक्षा होगी जिसके बाद ही मुझे डिग्री मिलेगी इस बीच यह लोग मुझसे कुछ पेपरों मे हस्ताक्षर करवा देते थे और परीक्षा की तारीख टालते रहते थे कुछ समय टालने के बाद इन्होने मुझे वर्ष 2013 की राजीवगाँधी इन्स्टीट्यूट आफ हैल्थ साईंस कर्नाटक बैंगलौर की BAMS की डिग्री दे दी व मुझे भारतीय चिकित्सा परिषद के बाहर बुलाकर कुछ फार्म मे साईन करवाये और मुझे चिकित्सा परिषद मे जमा करने को दे दिये उसके कुछ दिन बाद इसने मेरा रजिस्ट्रेशन सार्टीफिकेट मुझे दे दिया ।
जब मेरा रजिस्ट्रेशन हो गया तो मुझे लगा कि सारा काम असली है पर इन्होने मेरे रजिस्ट्रेशन सार्टीफिकेट पर पता देहरादून का महबूब कालोनी का अंकित करवाया जहाँ पर मै कभी रहा भी नही हूँ और मै उक्त जगह को जानता भी नही हूँ कि यह कहा पर है । तीनों लोगो ने मुझसे तीन बार मे भारतीय चिकित्सा परिषद के बाहर कुल साढे छः लाख रुपये नगद लिए जिसमे से कुछ पैसे इमलाख , कुछ सद्दाम व कुछ आसिफ नाम के आदमी ने लिए तीनों खुद को भाई बताते थे । सद्दाम बाबा कालेज का पीआरओ खुद को बताता था व आसिफ खुद को उक्त कालेज का डिस्पेच हैड बताता था।