शराब के शौकीनों के लिए बड़ी खबर,अब लाइसेंस लेकर घर में खोल सकेंगे बार
शराब के शौकीनों के लिए बड़ी खबर,अब लाइसेंस लेकर घर में खोल सकेंगे बार
देहरादून । उत्तराखंड में शराब के शौकीनों की बल्ले-बल्ले हो गई है. दरअसल धामी सरकार ने नई आबकारी नीति में लोगों को घर में व्यक्तिगत बार खोलने की अनुमति दे दी है. हालांकि निजी बार को खोलने के लिए ऐसे लोगों को लाइसेंस लेना होगा और इसके लिए हर साल तय फीस भी चुकानी होगी. इतना ही नहीं निजी बार रखने वाले लोगों को शराब बेचने की अनुमति नहीं होगी।
उत्तराखंड में शराब पीने वालों की चांदी हो गई है. राज्य सरकार ने नई आबकारी नीति 2023- 24 में शराब के शौकीनों के व्यक्तिगत उपयोग के लिए घर में बार खोलने की अनुमति दे दी है. इसके लिए लाइसेंस लेना होगा. इस योजना के तहत उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से एक व्यक्ति ने ऑनलाइन आवेदन किया था जिसे घर में बार खोलने की इजाजत दे दी गई है।
इस प्रावधान के लिए लाइसेंस जारी किया जाएगा. इस संबंध में जिला आबकारी अधिकारी राजीव सिंह चौहान ने बताया की आबकारी नीति के अनुसार प्रक्रिया पूरी कर व्यक्तिगत उपयोग के लिए देहरादून में इस तरह का पहला लाइसेंस जारी किया गया है।
लाइसेंसधारक को इस नीति के शर्तों के अनुसार सिर्फ व्यक्तिगत इस्तेमाल की इजाजत होगी. इतना ही नहीं जिस जगह बार बनाया जाएगा उस जगह पर घर का कोई भी 21 वर्ष से कम उम्र का सदस्य नहीं जाएगा. सार्वजनिक छुट्टी के दिन बार को बंद रखा जाएगा।
इन शर्तों को पूरा करने के लिए लाइसेंधारक से शपथ पत्र भी लिया गया है. इस तरह के बार लाइसेंस के लिए हर साल 12 हजार रुपये फीस देनी होगी और एक निश्चित मात्रा में भारत मे निर्मित शराब 9 लीटर और विदेशी मदिरा (इम्पोर्टेड) 18 लीटर, वाइन 9 लीटर और बियर 15.6 लीटर रखने की अनुमति दी गई है।
इस नई आबकारी नीति को लेकर एक अधिकारी ने बताया कि अब लोग अपनी पसंद की ज्यादा शराब घर में रखने के लिए आजाद होंगे. हालांकि उन्हें यह भी साफ कर दिया कि बाजार में सिविल में बिकने वाली शराब को ही लोगों को अपने व्यक्तिगत बार में रखने की आजादी होगी।
दूसरे राज्य से खरीदी गई शराब को रखने की इजाजत नहीं
अधिकारी ने साफ कर दिया है कि कोई भी व्यक्ति अपनी निजी बार में कैंटीन या फिर राज्य के बाहर से खरीदी गई शराब को नहीं रख सकता है । व्यक्तिगत बार लाइसेंस के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की प्रक्रिया रखी गई है और इसे स्वीकृत करने का अधिकारी जिले के डीएम के पास होगा।