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तम्बाकू निषेध में जरूरी है गांवों की भागीदारी : एडमिरल डी.के. जोशी

तम्बाकू निषेध में जरूरी है गांवों की भागीदारी : एडमिरल डी.के. जोशी

(संवाददाता Uk sahara)
देहरादून। गांव भारत के विकास के पहिये हैं इनका स्वस्थ रहना बेहद जरूरी है। उत्तराखंड सरकार ने गांवों को केन्द्रित कर राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत ‘आओ गांव चलें, उत्तराखंड को तम्बाकू मुक्त’ करें अभियान संचालित किया है जिसका ध्येय तम्बाकू मुक्त सोसाइटी डेवलप करना है। इसके लिए उत्तराखंड सरकार ने वर्ष 2025 तक 15 फीसदी लोगों को तम्बाकू सेवन की लत से छुटकारा दिलवाने का लक्ष्य रखा है जो लोगों के स्वास्थ्य के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

यह बात अण्डमान निकोबार द्वीप समूह के उप राज्यपाल एडमिरल डी.के. जोशी ने आज दून मेडिकल कॉलेज में विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा आयोजित तम्बाकू निषेध शपथ समारोह में बतौर मुख्य अतिथि कही। एडमिरल जोशी ने कहा कि आधुनिक भारत की विकास यात्रा के सहायक यहां के गांव हैं, अगर गांव स्वस्थ होंगे तो देश की प्रगति की रफ्तार उतनी अधिक होगी, इसलिए गांवों का स्वस्थ होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि तम्बाकू निषेध में गांवों की भागीदारी बेहद जरूरी है और इस पर उत्तराखंड सरकार गंभीरता से काम कर रही है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत उत्तराखंड सरकार द्वारा ‘आओ गांव चलें, उत्तराखंड को तम्बाकू मुक्त’ अभियान संचालित किया जा रहा है जिसका ध्येय तम्बाकू मुक्त सोसाइटी डेवलप करना है। एडमिरल जोशी ने कहा कि मैदान की अपेक्षा पहाड़ के लोगों में श्वास एवं छाती रोग की समस्या कहीं अधिक है जिसके पीछे कई कारण है, लेकिन इन सब में सबसे मुख्य कारण धुम्रपान और तम्बाकू सेवन है जो कि खासा चिंताजनक है।

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