ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने कोवैक्सीन के 2 साल से 18 साल आयु-वर्ग के लोगों पर ट्रायल को दी मंजूरी
दिल्ली। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने कोवैक्सीन के 2 साल से 18 साल आयु-वर्ग के लोगों पर ट्रायल को मंजूरी दे दी है। भारत बायोटेक के प्रस्ताव पर एक्सपर्ट कमिटी ने मंगलवार को ट्रायल की सिफारिश की थी। कंपनी 525 वालंटियर्स पर अपनी वैक्सीन का फेज 2/3 ट्रायल करेगी।
सूत्रों के अनुसार, यह ट्रायल दिल्ली और पटना स्थित एम्स के अलावा कुछ अन्य मेडिकल संस्थानों में भी चलेगा। केंद्र सरकार ने कोवैक्सीन को इसी साल जनवरी में वयस्कों पर आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी थी। COVAXIN पूरी तरह से भारत में बनी कोविड-19 की वैक्सीन है।
DCGI ने जिस प्रस्ताव को मंजूरी दी है, उसके मुताबिक ट्रायल में 515 पार्टिसिपेंट्स होंगे। इनकी उम्र 2 साल से 18 साल के बीच होगी। इंजेक्शन के जरिए वैक्सीन की दो डोज दी जाएंगी। पहली डोज के 28 दिन बाद दूसरी डोज लगेगी। कोवैक्सीन के सामान्य ट्रायल में भी दो डोज के बीच 28 दिन का वक्त दिया गया था।
वालंटियर्स मिल जाने के बाद अगर कंपनी अगले हफ्ते से भी ट्रायल शुरू करती है तो जुलाई तक ट्रायल पूरा होने की संभावना है। इसके बाद डेटा को रेगुलेटर के सामने रखा जाएगा। सबकुछ ठीक रहा तो अंतरिम नतीजों के आधार पर अगस्त/सितंबर में वैक्सीन को बच्चों के लिए इमर्जेंसी यूज की मंजूरी दी जा सकती है। वयस्कों के लिए भी वैक्सीन को मंजूरी देने के लिए अंतिम नतीजों का इंतजार नहीं किया गया था।
वयस्कों पर हुए ट्रायल में भारत बायोटेक की वैक्सीन को 78% तक असरदार पाया गया था। हाल के दिनों में यह भी सामने आया कि COVAXIN न सिर्फ SARS-CoV-2 के पिछले रूपों, बल्कि म्यूटेटेड स्ट्रेन्स के खिलाफ भी सुरक्षा देती है। इस वैक्सीन को भारत बायोटेक ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के साथ मिलकर तैयार किया है। फिलहाल यह वैक्सीन भारत में वयस्कों को लगाई जा रही है। पहली डोज लगने के बाद चार से छह हफ्ते बाद दूसरी डोज लगाई जाती है।