18 दिव्यांग बच्चों को सहायता उपकरण के लिए चिन्हित
चमोली । समग्र शिक्षा अभियान के तहत शनिवार को जिला अस्पताल गोपेश्वर में विशेष आवश्यकता वाले दिव्यांग बच्चों हेतु सहायता उपकरण परीक्षण शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में 06 से 18 आयु वर्ग के विद्यालयों में नामांकित, गैर नामांकित, गृह आधारित शिक्षण तथा अन्य शारीरिक रूप से कमजोर विशेष आवश्यकता वाले 52 बच्चों ने प्रतिभाग किया। जिनमें से 15 बच्चों का दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाया गया तथा 18 दिव्यांग बच्चों को सहायता उपकरण के लिए चिन्हित किया गया। इन सभी बच्चों को स्वयं सेवी संस्था एल्मिको कानपुर की माध्यम से सहायता उपकरण निःशुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे।
मुख्य अतिथि जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने शिविर में आए दिव्यांगजनों से शिविर का लाभ उठाने की बात कही। कहा कि जिले में आंख, नाक, कान, गले की बीमारियों के विशेषज्ञ चिकित्सक न होने के कारण कई लोगों के दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाने काफी समस्या रहती है, जिसको देखते हुए बाहरी जिलों से यहाॅ पर इस विशेष शिविर के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम बुलायी गई है। उन्होंने कहा कि 08 जनवरी को ट्राॅमा सेन्टर कर्णप्रयाग में भी विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए शिविर लगाया गया था। ताकि जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को किसी प्रकार की समस्या न हो।
जिलाधिकारी ने कहा जानकारी के अभाव या सुविधाएं न मिलने से कई लोग दिव्यांग प्रमाण पत्र न होने के कारण इसका लाभ लेने से वंचित रह जाते है। कहा कि दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाकर समाज कल्याण के माध्यम से पेंशन लगाना ही इस शिविर का एकमात्र उदेश्य नही है, बल्कि दिव्यांग लोगों को विभिन्न स्तरों पर मिलने वाले लाभ दिलाना भी इसका मकसद है। सरकार दिव्यांगजनों हेतु विभिन्न कौशल विकास के अवसर उपलब्ध करा रही है। जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को शिविर में परीक्षण के लिए आए सभी दिव्यांगजनों को प्रमाण पत्र जारी करने के बाद ही घर भेजने को कहा ताकि उनको बार-बार आने की समस्या से न जूझना पडे।
जिला परियोजना अधिकारी एनके हल्दियानी ने अभिवावकों से अपील की कि वे एक सशक्त राष्ट्र निर्माण के लिए दिव्यांगों के प्रति सहज स्वभाव एवं स्नेह शीलता एवं जागरूकता प्रदर्शित करें। शिविर में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 जीएस राणा, जिला समाज कल्याण अधिकारी टीआर मेलठा, जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक नरेश कुमार हल्दियानी, स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी, चिकित्सक आदि सहित जिले के विभिन्न क्षेत्रों से आए विशेष आवश्यकता वाले बच्चे व उनके अभिभावक मौजूद थे।