प्रदूषण मुक्त सीएनजी रोडवेज बस से देहरादून से दिल्ली तक का सफर करने की चाह रखने वालों के लिए खुशखबरी
प्रदूषण मुक्त सीएनजी रोडवेज बस से देहरादून से दिल्ली तक का सफर करने की चाह रखने वालों के लिए खुशखबरी है। उत्तराखंड को दिसंबर में हुए करार के तहत पांच सीएनजी बसों की आपूर्ति मंगलवार को मिल गई है। गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया (गेल) के साथ सीएनजी लाइन बिछाने जा रही इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (आइजीएल) ने प्रारंभिक चरण में पांच सीएनजी बसों का करार राज्य परिवहन निगम के साथ किया था। यह बसें अनुबंध पर संचालित होंगी और परिवहन निगम प्रति किलोमीटर के हिसाब से लगभग साढ़े तीन रुपये आजीएल को भुगतान करेगा।
रोडवेज महाप्रबंधक दीपक जैन ने बताया कोरोना अनलॉक के तहत राज्य सरकार की ओर से अंतरराज्यीय परिवहन की मंजूरी के बाद इन बसों का संचालन देहरादून-दिल्ली शुरू कर दिया जाएगा। केंद्र सरकार ने बीते वर्ष दिल्ली को प्रदूषण मुक्त करने के लिए चार ग्रीन कॉरीडोर बनाने का निर्णय लिया था। इसमें एक कॉरीडोर दिल्ली से देहरादून भी है। बाकी कॉरीडोर में दिल्ली से जयपुर, आगरा और चंडीगढ़ को शामिल किया गया था।
दिसंबर में केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इन कॉरीडोर में आधुनिक तकनीक से लैस आइजीएल कंपनी की ‘टू-बाइ-टू’ सीएनजी बसें चलाने की योजना को अपनी हरी झंडी दी थी। इनमें उत्तराखंड के साथ प्रारंभिक चरण में पांच बसों का करार हुआ था। बताया गया कि बस में लगभग 275 किलो सीएनजी एक बार में भरी जा सकती है। रोडवेज अफसरों ने बताया कि एक बार टैंक फुल कराने पर एक बस दून-दिल्ली के दो फेरे लगा सकती है। डीजल के मुकाबले बसों पर कम खर्च आएगा। बताया गया कि एक बस की कीमत करीब 40 लाख रुपये है। इन बसों में 45 सीटें लगी हैं और सीटों के बीच काफी जगह है ताकि यात्रा पूरी तरह से आरामदायक रहे।
अफसरों को उम्मीद, नई बसें देंगी ज्यादा माइलेज
रोडवेज अफसरों के मुताबिक अब तक जो सीएनजी बसें चल रहीं थीं वे एक बार टैंक फुल कराने पर 250-300 किमी तक चल सकती थीं, लेकिन जो नई बसें मिली हैं, यह एक बार टैंक फुल होने की स्थिति में 1000-1100 किमी तक माइलेज देंगी। इसमें सामान्य सीएनजी गैस सिलेंडर से 70 फीसद हल्के सिलेंडर लगाए गए हैं। ये बसें सेमी-डीलक्स हैं और इनमें सीटें भी दो-दो की कतार में हैं। परिवहन निगम इन बसों को साधारण किराए पर चलाने की योजना बना रह है। निगम को इस बस से प्रति माह एक लाख की आय होने का अनुमान है। इन बसों में चालक व परिचालक रोडवेज के रहेंगे।