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रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर चिढ़े बैठे पश्चिमी देशों को भारत ने साफ शब्‍दों में समझा दिया

(संवाददाता Uk sahara)

दिल्ली। रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर चिढ़े बैठे पश्चिमी देशों को भारत ने साफ शब्‍दों में समझा दिया है। राष्‍ट्रहित को देखते हुए भारत अपने व्‍यापारिक समझौते जारी रखेगा। अमेरिका के डिप्‍टी एनएसए दलीप सिंह को भारतीय अधिकारियों ने अपनी नाराजगी से वाकिफ कर दिया है। दलीप से कह दिया गया है कि भारत को अंजाम भुगतने की धमकी देने उसके आंतरिक मामलों पर सलाह से बाज आएं। इन दिनों ग्‍लोबल डिप्‍लोमेसी का केंद्र बनी नई दिल्‍ली में शुक्रवार को भारत और रूस की दोस्ती और गहरी हो गई। दोनों देशों ने जारी तनाव के बीच रणनीतिक साझेदारी को स्थिर रखने का फैसला किया है। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ बातचीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्‍म करने में भारत कोई भी योगदान को तैयार है। लावरोव ने मोदी को राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन का संदेशा भी दिया। रूसी विदेश मंत्री ने कहा कि रूस और यूक्रेन विवाद में भारत मध्यस्थता कर सकता है, क्योंकि उसका रुख हमेशा से निष्पक्ष रहा है और वह कभी अमेरिकी दबाव में नहीं आया।

भारत जो खरीदना चाहे, हम देंगे: रूस
यूक्रेन जंग के बीच नई दिल्ली पहुंचे रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भारत की तटस्थ विदेश नीति की तारीफ की है। दोनों देशों के बीच बेहतर संबंधों का जिक्र करते हुए लावरोव ने कहा कि भारत हमसे जो भी सामान खरीदना चाहता है, हम उसे देने के लिए तैयार हैं। लावरोव ने शुक्रवार को कहा कि हमने भारत जैसे देशों के साथ खुद की करंसी में व्यापार करने का सिस्टम विकसित किया है। हम डॉलर पर आधारित भुगतान और व्यापार वाले सिस्टम से दूर जाना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘हम नहीं चाहते हैं कि भारत जैसे मित्र देशों को हमारे साथ व्यापार करने में कोई मुश्किल आए। इन बाधाओं को दूर करना होगा।’ मालूम हो कि अमेरिका की ओर से लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों के बाद रूसी अर्थव्यवस्था गिर रही है। वहां डॉलर का संकट है।

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