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11 वकीलों को लेकर देहरादून पहुंचा था यूट्यूबर बॉबी

धरा का धरा रह गया पुलिस का नेटवर्क, मुखबिरी हो गई फेल,
11 वकीलों को लेकर देहरादून पहुंचा था यूट्यूबर बॉबी

(संवाददाता Uk sahara)

देहरादून। देहरादून की एक सड़क पर बैठकर शराब पीने के प्रकरण में यूट्यूबर पर बॉबी कटारिया को सरेंडर से पूर्व गिरफ्तार करने की सारी तिकड़म धरी की धरी रह गई। कटारिया ने देहरादून की कैंट पुलिस को चकमा देते हुए ना केवल अदालत में सरेंडर करने के बाद जमानत हासिल कर ली बल्कि यह भी साबित कर दिया कि कानून के इस खेल में वह पुलिस से चार कदम आगे ही है।

इस पूरे प्रकरण के बाद देहरादून पुलिस को बड़ा झटका लगा है और साथ ही कैंट पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। सवाल यह भी उठ रहे हैं कि आखिर पुलिस इतना समय मिलने के बाद भी कटारिया तक क्यों नहीं पहुंच पाई? निश्चित तौर पर तमाम दावे करने के बावजूद भी कटारिया का इस प्रकार कोर्ट से सरेंडर करना एवं जमानत हासिल कर लेना कैंट पुलिस की कमजोर नेटवर्किंग का ही एक उदाहरण है।

तमाम पुलिस व्यवस्था एवं दावों को ताक पर रख यूट्यूब और बॉबी कटारिया अपने साथ 11 वकीलों की टीम लेकर कल नाटकीय ढंग से सीजेएम एडिशनल सेकंड संजय सिंह की अदालत में पेश हुआ। इससे पूर्व मुकदमा दर्ज होने के बाद कैंट पुलिस की तमाम कोशिशें भी बॉबी कटारिया तक नहीं पहुंच पाई और पुलिस को चकमा देकर कटारिया ने देहरादून पुलिस को चारों खाने चित कर दिया।

ब्लॉगर बॉबी कटारिया के खिलाफ कैंट थाना में बीते 11 अगस्त को मुकदमा दर्ज किया गया था। उस पर आरोप था कि उसने किमाडी मार्ग पर शराब पीकर हंगामा किया। इस दौरान ट्रैफिक भी रोका गया। इसका वीडियो खूब वायरल हुआ। केस दर्ज हुआ तो सोशल मीडिया पर उत्तराखंड पुलिस को धमकी भी दी। इस मामले में कैंट पुलिस कुर्की के वारंट को घर और प्रतिष्ठानों पर पूर्व में चस्पा किया लेकिन लुका छुपी के इस खेल में बॉबी हर कदम पर कैंट पुलिस से चार कदम आगे ही नजर आया।

इससे पूर्व कल गुरुवार को भी कटारिया ने कैंट पुलिस को चकमा दिया जब पुलिस कोर्ट के बाहर उसका इंतजार करती रह गई। इधर पुलिस उसके खिलाफ कुर्की करने का वारंट हासिल करने की तैयारी कर रही थी तो वही शुक्रवार को उसने कोर्ट में सरेंडर कर दिया। निश्चित तौर पर इस प्रकरण में केस का पर्यवेक्षण एवं कार्यवाही को लेकर गंभीरता में कमी नजर आई है। पुलिस ने मात्र कुर्की की कार्रवाई का नोटिस चस्पा कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली जबकि गिरफ्तारी को लेकर कटारिया लगातार पुलिस को चकमा देता रहा.

दून पुलिस से चार कदम आगे निकलकर बॉबी कटारिया अब खुद को अधिक श्रेष्ठ साबित करने की कोशिश करेगा, और कहीं ना कहीं उसकी चाल निश्चित तौर पर पुलिस की कार्यशैली पर भारी भी पड़ी है। दून पुलिस के अधिकारियों को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि अपराधियों की धरपकड़ को लेकर किस प्रकार की रणनीति तैयार करनी चाहिए एवं किसी भी आरोपी द्वारा अदालत में आत्मसमर्पण की संभावना के समय किस प्रकार का पुलिस प्रबंध तैनात किया जाना चाहिए।

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