हरीश रावत को ही राज्य में पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने की जरूरत
(सुनीता लोधी)
देहरादून। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत को ही राज्य में पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने की जरूरत है। ओर इस जिम्मेदारी के लिए हरीश रावत पूरे फिट भी बैठते हैं। वही अगर पार्टी किसी दूसरे का चयन करती है या बिना चेहरे के चुनाव मैदान में उतरती है तो पार्टी को बड़ा नुकसान भी हो सकता है। वही भाजपा अपने संगठन और धनबल की बदौलत आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पर भी भारी पड़ सकती है।
हरीश रावत ही हो सकते हैं कांग्रेस के संकट मोचन
हरीश रावत को उत्तराखंड के चप्पे-चप्पे की जानकारी और राजनीति का बड़ा अनुभव है। लिहाजा उत्तराखंड 2022 विधानसभा चुनाव में हरीश रावत का रोल बेहद अहम होगा।उत्तराखंड में 2022 विधानसभा चुनाव के लिए सियासी हरकतें शुरू हो चुकी हैं। उत्तराखंड की 70 विधानसभा सीटों पर किसके नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा यह भी सामने आने लगा है। कांग्रेस पूर्व सीएम हरीश रावत के प्रति भरोसा दिखाना चाहिए ।
वैसे भी उत्तराखंड के अंदर इस वक्त कांग्रेस के पास हरीश रावत के अलावा कोई बड़ा चेहरा नहीं है हरीश रावत केंद्रीय नेता के साथ-साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं और उन्हें एक लंबा अरसा कांग्रेस में राजनीति करते हो गया हो गया है। प्रदेश का प्रत्येक व्यक्ति उन्हें प्यार करता है क्योंकि उनका उत्तराखंड में ढाई साल का जो कार्यकाल मुख्यमंत्री का रहा है उसमें जिस तरह से मुख्यमंत्री रहते हुए हरीश रावत ने विकास की बयार उत्तराखंड के अंदर लगाई है उससे आज के समय में प्रत्येक जनमानस उनको ही मुख्यमंत्री के रुप में देखना चाहता है।
लेकिन वह तभी संभव है जब कांग्रेस के आला नेता और केंद्रीय नेतृत्व हरीश रावत को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करें अगर उन्होंने किसी और पर यह दांव खेला तो 2022 में कांग्रेस के सत्ता में आने की तो बात ही दूसरी मौजूदा समय में जितनी कांग्रेस के पास विधानसभा में सीटें हैं शायद उन से भी कुछ पर हाथ धोना पड़ेगा क्योंकि इस समय कांग्रेस के पास कोई ऐसा नेता नहीं जिस पर जनता विश्वास कर सके।
सियासी जानकारों का मानना है कि अभी तक पार्टी आलाकमान प्रदेश और प्रदेश के बाहर हरीश रावत का उपयोग कर रहा था। उन्हें पंजाब कांग्रेस का प्रभारी बनाया गया था। लेकिन उत्तराखंड में अब विधानसभा चुनाव बहुत दूर नहीं है। जनवरी महीने में कभी भी चुनाव आचार संहिता लागू हो सकती है। ऐसे में कांग्रेस आलाकमान हरीश रावत को विधानसभा चुनाव के लिहाज से उत्तराखंड में अधिक से अधिक उपयोग कर सकता है। जानकारों की माने तो अब कांग्रेस की चुनावी सियासत हरीश रावत पर ही केंद्रित हो गई है
इसलिए उत्तराखंड में हरीश रावत के राजनीतिक सफर और उनकी विश्वसनीयता की बात करें तो इस समय जनता बीजेपी से उब चुकी है और बीजेपी के कार्यकाल में मुख्यमंत्री को बार-बार बदले जाना भी कांग्रेस को फायदा दे सकता है लेकिन यह तभी हो सम्भव हो सकता है जब कांग्रेस पार्टी के आलाकमान बड़ा निर्णय लेते हुए हरीश रावत को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करें और मुख्यमंत्री के चेहरे पर जहां तक हरीश रावत के नाम पर इस वक्त उत्तराखंड की कांग्रेस पार्टी में कोई भी मतभेद नहीं होगा।
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