सरकार करें उपद्रवियों को चिन्हित : भाजपा नेता विकास गर्ग
सरकार करें उपद्रवियों को चिन्हित, सरकार करे इनको और इनके परिवार को सरकारी सुविधाओं से बाहर
(संवाददाता Uk sahara)
देहरादून। भाजपा के वरिष्ठ नेता विकास गर्ग ने कहा देश के युवाओं के भविष्य को लेकर जो नीतियां बनाई जा रही है क्या वह वाकई कार्य हैं या इनके विपरीत परिणाम सामने आएंगे? ताजा मामला अग्निपथ योजना को लेकर है जिसके विरोध में देशभर में युवा सड़कों पर उतर आए हैं। इस योजना के विरोध में तमाम जगहों पर सरकारी संपत्ति का नुकसान किया जा रहा है और तोड़फोड़ करने के साथ ही रेलवे को भी भारी क्षति पहुंचाई गई है।
उन्होने कहा केंद्र सरकार ने सेना में युवाओं को अवसर देने के लिए अग्नीपथ योजना तैयार की है जो शायद युवाओं को स्वीकार्य नहीं है। युवाओं को लगने लगा है कि इस योजना से ना केवल उनके विभिन्न परीक्षाओं के लिए तैयारी करने वाला समय बर्बाद होगा बल्कि 4 साल सेना में नौकरी करने के बाद वह ना तो पेंशन के हकदार होंगे और ना ही उन्हें सेना से मिलने वाली सुविधाएं मिल सकेंगी।
श्री गर्ग ने कहा योजना को लेकर अलग-अलग मत हैं जानकारों के
हालांकि जानकार इन भ्रांतियों को गलत मानती है और उनका कहना है कि योजना के तहत 17 से 23 वर्ष की उम्र तक युवाओं को 4 वर्ष सेना में नौकरी करने का अवसर मिलेगा इस दौरान उन्हें न केवल वेतन मिलेगा बल्कि सेवानिवृत्ति के दौरान एक अच्छी खासी रकम भी हाथ में मिलेगी जिसे विभिन्न व्यवसाय के लिए प्रयोग किया जा सकता है। यही नहीं भर्ती किए गए 25% फौजियों को स्थाई सेवा का मौका दिया जाएगा। अग्नीपथ योजना के तहत बनाए जाने वाले अग्निवीर आज देश भर में सड़कों पर उतर आए हैं और उनका यह गुस्सा कहीं ना कहीं जायज भी है।
भाजपा नेता विकास गर्ग ने आगे कहा अपने भविष्य के प्रति आशंकित होने के बाद युवा सड़कों पर उतरे हैं तो सरकार को इस नीति के संशोधन के बारे में भी कुछ फैसला करना चाहिए।
पेंशन की व्यवस्था समाप्त करने से नाराज है युवा
जिस प्रकार से केंद्र सरकार ने अग्नीपथ योजना की आयु सीमा 17 से 21 वर्ष करने का फैसला बदलते हुए इसे 17 से 23 वर्ष तक किया है उसी प्रकार इसमें कुछ आंशिक संशोधन कर युवाओं के गुस्से को शांत किया जा सकता है। आंदोलन कर रहे युवाओं का कहना है कि केंद्र सरकार आने वाले समय में सेना में भी पेंशन व्यवस्था को समाप्त करना चाहती है। इस योजना के विरोध में जिस प्रकार से युवा सड़कों पर उतरा है उसका असर उत्तराखंड में भी देखने को मिला है। उत्तराखंड के हल्द्वानी शहर में विरोध कर रहे छात्रों पर पुलिस ने लाठियां बरसाई तो इसकी आवाज विधानसभा तक सुनाई दी और विपक्ष में सदन में इस मुद्दे को लेकर हंगामा भी किया।
निश्चित तौर पर किसी भी देश की सरकार को अपने युवाओं के भविष्य को लेकर दोस्त नीतियां बनानी चाहिए और यदि युवा सरकार द्वारा बनाई गई नीतियों के विरोध में सड़क पर उतरते हैं तो सरकार को समझ लेना चाहिए की योजना में कहीं ना कहीं कुछ तो कमी रह गई है। हां इतना जरूर है कि जो कुछ योजना के विरोध में सड़कों पर उपद्रव के तौर पर किया जा रहा है उसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।
सरकारी संपत्ति का नुकसान पहुंचाना किसी समस्या का समाधान नहीं है और युवाओं का यह कृत्य ठीक उसी श्रेणी में खड़ा किया जा सकता है जिस श्रेणी में एक विशेष वर्ग द्वारा पथराव जैसी असामाजिक गतिविधियां की जा रही है।
विकास गर्ग ने कहा युवाओं को अपनी आवाज शांति मार्च के तौर पर उठानी चाहिए और उन्हें भूलना नहीं चाहिए कि वह जिस सेवा का विरोध कर रहे हैं वह देश प्रेम एवं आस्था की सेवा है और इसके विरोध में सरकारी संपत्तियों का नुकसान करना कहीं से भी उचित नहीं है।