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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उत्तरकाशी जिले का तीन दिवसीय प्रारंभिक प्रशिक्षण वर्ग संपन्न

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उत्तरकाशी जिले का तीन दिवसीय प्रारंभिक प्रशिक्षण वर्ग संपन्न

उत्तरकाशी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के उत्तरकाशी जिले का तीन दिवसीय प्रारंभिक प्रशिक्षण वर्ग डॉक्टर नित्यानंद की कर्मस्थली सेवा आश्रम, केशवपुरम् मनेरी में विधिवत संपन्न हुआ। इस प्रशिक्षण वर्ग में जिले के गंगा घाटी के 147 स्वयंसेवकों ने भाग लिया और आरएसएस के मूल मंत्र ‘राष्ट्र सेवा’ का प्रशिक्षण प्राप्त किया।

प्रशिक्षण वर्ग में प्रांत धर्म जागरण प्रमुख किशलय कुमार क्रांतिकारी ने प्रांतीय अधिकारी के रूप में सानिध्य प्रदान किया। उन्होंने शिक्षार्थियों को शारीरिक एवं बौद्धिक कार्यक्रमों का प्रशिक्षण दिया। समापन सत्र में विभाग बौद्धिक प्रमुख दौलतराम बिजलवाण ने उद्बोधन किया, जिसमें उन्होंने सभी शिक्षार्थियों के अंदर राष्ट्र प्रेम की भावना उत्पन्न की।

इस प्रशिक्षण वर्ग में विभिन्न शारीरिक और बौद्धिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें स्वयंसेवकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। प्रशिक्षण के दौरान, राष्ट्र सेवा के महत्व और इसके विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की गई। शिक्षार्थियों को विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से राष्ट्र सेवा के प्रति समर्पण और अनुशासन का पाठ पढ़ाया गया।

समापन सत्र में, दौलतराम बिजलवाण ने अपने उद्बोधन में सभी शिक्षार्थियों को राष्ट्र सेवा के प्रति समर्पित रहने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्र सेवा केवल एक कर्तव्य नहीं, बल्कि एक जीवन शैली है जिसे हमें अपने दैनिक जीवन में अपनाना चाहिए।

इस अवसर पर उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों ने प्रशिक्षण वर्ग की सफलता के लिए सभी शिक्षकों और स्वयंसेवकों को बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। प्रशिक्षण वर्ग के समापन के बाद, सभी स्वयंसेवकों ने एक साथ राष्ट्रगान गाया और राष्ट्र सेवा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।

इस अवसर पर वर्ग कार्यवाह रतन सिंह राणा, विभाग कार्यवाह गुलाब सिंह नेगी, जिला संघ चालक हिमांशु शेखर जोशी, सर्व व्यवस्था प्रमुख चतर सिंह चौहान, जिला प्रचारक गौतम, जिला कार्यवाह कमलेश्वर प्रसाद रतूड़ी, विक्रम, मुख्य शिक्षक बद्री सिंह चौहान, वर्ग शारीरिक प्रमुख काशी प्रसाद, वर्ग बौद्धिक प्रमुख विनोद, विपिन सहित शिक्षक गण जगदीश, अनूप भण्डारी, संदीप, ब्रजमोहन, अर्जुन, हरेंद्र, हिमांशु, हेमंत, पारस, दयाराम, दिग्विजय, संकलचंद, अशोक आदि उपस्थित रहे।

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