योग को दिनचर्या में शामिल करने एवं योग के महत्व का संदेश दिया सीएम ने
(संवाददाता Uk sahara)
देहरादून । मंगलवार को 08 वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर परमार्थ निकेतन, योग नगरी ऋषिकेश में आयुष एवं आयुष शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित योग कार्यक्रम का मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रतिभाग करते हुए दीप प्रज्वलित कर कार्याक्रम का शुभारम्भ किया तथा अपनी धर्मपत्नी श्रीमती गीता धामी एवं दोनों बच्चों संग हजारों लोगों के साथ योग किया एवं राज्य के साथ ही देश के प्रत्येक नागरिक को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं/बधाई देते हुए योग को दिनचर्या में शामिल करने एवं योग के महत्व का संदेश दिया। इस दौरान मुख्यमंत्री जी को चिंदानंदमुनी सरस्वती परमार्थ निकेतन द्वारा गंगा पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के प्रयासों से संपूर्ण विश्व में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर योग दिवस मना रहे है आज योग जन जन तक पहुंचा है इसके लिए उन्होंने मा0 प्रधानमंत्री जी का अभिनंदन एवं धन्यवाद ज्ञापित किया। योग स्वास्थ्य को निरोग करने की विद्या है जो हमारे पौराणिक काल से चली आ रही है हमें इसे सजों कर रखते हुए आने वाली पीढ़ियों को भी इसमें ढालने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि शरीर और मन दोनों को सेहतमंद बनाए रखने के लिए नियमित रूप से दिनचर्या में योगासनों को शामिल करके लाभ प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा योग से संपूर्ण शरीर की दिशा एवं दशा बदलती है साथ ही जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं। योग का अभ्यास शरीर, श्वास और मन को जोड़ता है। उन्होंने कहा आदिकाल से ऋषि-मुनियों ने योग को अपनाया है उनकी शक्ति एवं सफलता के पीछे योग एवं ध्यान है।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने ऋषिकेश नगरी को योग धर्म संस्कृति आयुष की धरा बताया। उन्होंने कहा जिस तरह ऋषिकेश से मां गंगा पूरे देश को जीवन देने का कार्य करती है, उसी प्रकार ऋषिकेश से योग का संदेश पूरे विश्व में जाता है। उन्होंने कहा योग अब एक वैश्विक पर्व बन गया है। योग किसी व्यक्ति मात्र के लिए नहीं, संपूर्ण मानवता के लिए है।
इस बार अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम Yogafor humanity भी मनुष्य एवं मानवता हेतु योग के सकारात्मक संकेतों को दर्शाता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भारत की नीति हमेशा से सत्यता एवं न्याय के आधार पर आगे बढ़ने की रही है, उन्होंने कहा हमारा देश मानवता की सेवा का जीता जागता उदाहरण है। कोरोना काल के बाद मेगा वैक्सीनेशन का कार्य भारत वर्ष में चलाया गया, साथ ही मानवता का परिचय देते हुए दुनिया भर में भारत द्वारा वैक्सीन बांटने का कार्य किया गया। भारत ने हमेशा से सभी के सुख और कल्याण की कामना करते हुए “सर्वे भवंतू सुखिन, सर्वे संतु निरामया” की भावना का संदेश दिया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमें उत्तराखंड राज्य को 25वे वर्ष पर योग, संस्कृति, पर्यटन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाना है, जिसके लिए राज्य सरकार विकल्प रहित संकल्प के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने कहा सभी विभागों को अगले 10 वर्षो के विकास कार्यो का रोडमैप तैयार करने हेतु निर्देशित किया गया है। उन्होंने कहा आने वाले समय में ऋषिकेश क्षेत्र में पर्यटन हेतु और अच्छी सुविधाएं उपलब्ध हो इसके लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ धाम से 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक बताया था जिस पर केंद्र एवं राज्य सरकार मिलकर लगातार कार्य कर रही है। उन्होंने हजारों की संख्या में योग करने आए लोगों के उत्साह को नमन करते हुए सभी को धन्यवाद अर्पित किया। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने परमार्थ निकेतन स्थित गंगा घाट पर गंगा स्नान किया।
परमार्थ निकेतन के प्रमुख चिदानंद सरस्वती जी महाराज ने अपने संबोधन में कहा कि योग की राजधानी के रूप में विश्वविख्यात संतनगरी ऋषिकेश के गंगा के तट से आज योग का संदेश दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि योग हमें ऑलनेस, वेलनेस संदेश देता है, योग एक इंसान को दूसरे इंसान से और जीवमात्र को जीवमात्र से जोड़ता है। योग हमारे मन- मस्तिष्क की वर्जनाओं-बाधाओं को दूर करता है तथा सभी को आपस में प्रेम, विश्वास, सद्भाव से जोड़े रखने का संदेश देता है। उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री ने अपने पारिवारिक सदस्यों के साथ योग में प्रतिभाग करके यह संदेश दिया कि योग को अपने परिवार के साथ करें।
इस दौरान कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल, कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ,मेयर नगर निगम श्रीमती अनिता मंमगाई, विधायक श्रीमती रेनू बिष्ट, विधायक दुर्गेश्वर लाल, पूज्य साध्वी भगवती सरस्वती, पदमश्री जागर गायिका बसती बिष्ट, पदमश्री जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण, डीजीपी श्री अशोक कुमार, आयुष सचिव डॉ. पंकज पांडे, जिलाधिकारी पौड़ी गढ़वाल विजय कुमार जोगदण्डे, मुख्य विकास अधिकारी पौड़ी प्रशांत कुमार, अपर जिलाधिकारी इलागिरी, एसडीएम विनोद कुमार व संदीप कुमार, प्रो. सुनील कुमार जोशी (कुलपति, उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय विधायक ), डॉ. अरुण कुमार त्रिपाठी (निदेशक, आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवाएं, उत्तराखंड) एवं अन्य लोग मौजूद रहे।