महिलाओं में सही पोषण के प्रति जागरूकता को दे रहे बढ़ावा
अदाणी फाउंडेशन, कवाई एवं जिला प्रशासन, बारां के द्वारा सुपोषण कार्यक्रम के अंतर्गत सितंबर माह को पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है, जैसा कि हम सब जानते हैं कि सही पोषण अपने शरीर के लिए कितना महत्वपूर्ण होता है।
स्टेशन हैड श्री अररिंद चटर्जी (अदाणी पावर प्लांट) ने बताया की बच्चों, किशोरियो, धात्री एवं गर्भवती महिलाओं के लिए सही पोषण बहुत महत्व रखता है, अतः इसी को ध्यान में रखते हुए सुपोषण कार्यक्रम के अंतर्गत गांवो में बहुत सारी गतिविधियां की जा रही हैं एवं इन गतिविधियों के दौरान कोरोना से संबंधित सभी दिशा-निर्देशों का पालन किया जा रहा हैं।
सी.एस.आर. हैड श्री गोपाल सिंह देवड़ा ने बताया कि सुपोषण कार्यक्रम के अंतर्गत पोषण माह के दौरान प्रमुख गतिविधियों में पोषण रंगोली, स्लोगन प्रतियोगिता, चित्रकला प्रतियोगिता, चल चिकित्सा वाहन के द्वारा जागरूकता, पोष्टिक व्यंजन प्रदर्शनी इत्यादि गतिविधियों के द्वारा किशोरियों एवं महिलाओं में सही पोषण के प्रति जागरूकता को बढ़ाया जा रहा हैं।
सुपोषण अधिकारी पुष्कर सुथार ने बताया कि इस पोषण माह में सुपोषण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बच्चों, किशोरियों, गर्भवती एवं धात्री महिलाओं में संतुलित आहार के प्रति जागरूकता फैलाना है जिससे वो स्वयं एवं अपने परिवारजनों को सही पोषण दे सके।
इस “हर घर पोषण त्योहार” मैं निम्न बिंदुओं पर जागरूकता फैलाई जा रही है:
# शिशु के जीवन के पहले सुनहरे 1000 दिन में विशेष देखभाल। 9 माह गर्भावस्था (270 दिन) एवं जीवन के पहले 2 वर्ष (730 दिन)।
# संतुलित आहार के बारे में जागरूकता। अपने भोजन में अनाज, बाजरा, दाल, सब्जियां, फल, तेल, तिलहन, दृढ़फल, दूध एवं दूध उत्पाद को शामिल करना।
# जन्म से लेकर 6 माह की आयु के बच्चों को केवल स्तनपान करवाना। 6 माह के बाद बच्चों को ऊपरी आहार देना एवं स्तनपान को 2 वर्ष तक जारी रखना।
# मौसमी सब्जियों एवं फलो का उपयोग।
# खाना बनाने एवं खाने से पहले और बाद में साबुन और पानी से अच्छे से हाथ धोना।
प्लांट के आस पास के कवाई, फूलबडोदा, मुकुंदपुरा, मायथा, चौथिया, आटोन, बरला, खेड़ली बसला, आमापुरा, बमोरी, दिलोद हाथी, खड़खड़ा एवं डडवाड़ा इत्यादि गांवों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सुपोषण संगिनियों के द्वारा संतुलित आहार के प्रति जागरूकता फैलाई जा रही है।
इस पोषण माह में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा-सहयोगिनी, सुपोषण संगिनियों का अच्छा योगदान मिल रहा हैं।