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नरेंद्र मोदी सेना सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने दी देश व प्रदेशवासियों को रक्षा बन्धन की शुभकामना

नरेंद्र मोदी सेना सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष विकास गर्ग ने दी देश व प्रदेशवासियों को रक्षा बन्धन की शुभकामना

(संवाददाता Uk sahara)
देहरादून। नरेंद्र मोदी सेना सभा दिल्ली के राष्ट्रीय अध्यक्ष विकास गर्ग ने देश व प्रदेशवासियों को रक्षाबन्धन की बधाई दी है। श्री गर्ग ने कहा कि राखी का पर्व भाई बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक है। त्योहार आपसी भाईचारे के साथ ही जीवन में उमंग और उत्साह का संचार करते है। त्योहार हमारी पहचान होते हैं। प्राचीन संस्कृति को बनाए रखने में त्योहारों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

विकास गर्ग ने कहा कि देश के विकास में हमारी मातृशक्ति की बड़ी भूमिका है। महिलाओं का जीवन स्तर ऊंचा हो तथा उनके जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन आये इसके लिये हमे निरन्तर प्रयासरत रहना चाहिए है।

उन्होने बताया हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, प्राचीन काल में देवताओं और राक्षसों के बीच महायुद्ध हुआ, जो लगातार 12 साल तक चला। इस युद्ध के अंत में देवताओं की हार और राक्षसों की जीत हुई। इस जीत के बाद राक्षसों ने देवताओं के राजा-इंद्र के सिंहासन पर कब्जा कर लिया। उनका पाप लगातार बढ़त गया और उन्होंने तीनों लोगों पर भी कब्जा कर लिया। जब तीनों लोकों में देवता की हार हुई तो, सभी देवता मिलकर देवताओं के आध्यात्मिक गुरु बृहस्पति देव के पास गए और उनसे मदद मांगी।

विकास गर्ग ने आगे कहा गुरु देव बृहस्पति ने देवराज इंद्रा को जीत के कुछ मंत्र दिए और उनका जाप करने को कहा, जिससे उनको सुरक्षा मिल सके। बृहस्पति ने इंद्रा को पूजा का पूरा विधान बताया और कहा की श्रावण मास में पूर्णिमा के से दिन मंत्रों के जाप की प्रक्रिया शुरू करें। बृहस्पति देव ने इंद्रा को एक अभिमंत्रित ताबीज दिया। इस ताबीज को इंद्रा की पत्नी शची ‘इंद्राणी’ ने उनकी दाहिनी कलाई पर बांध दिया। जिसके बाद इंद्रा देव ने बृहस्पति देव के दिए मंत्रों का विधिपूर्वक जाप शुरू किया।

पूजा-पाठ पूरी करने के बाद इंद्र को भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश का आशीवार्द मिला। इन आशीर्वादों के कारण, भगवान इंद्र ने राक्षसों को युद्ध में हरा दिया और तीनों लोकों पर देवताओं का आधिपत्य पुनः स्थापित किया। इस जीत के बाद हर वर्ष श्रवण मास की पूर्णिमा को रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जाने लगा। वर्तमान में, रक्षा बंधन का त्योहार बही बहन के प्रेम के साथ साथ बाजारवाद का भी पर्याय बन गया है। भाई बहन के मन के प्यार पर अब बाजारवाद हावी है, हर तरफ केवल रक्षा बंधन केवल दिखावा होता जा रहा है। इस सम्स्य को समझना होगा और रक्षा बंधन के पवित्र त्यौहार को उसका मूल स्वरुप देना होगा।

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