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तीन दिनों में मरीजों की संख्या में भारी इजाफा

बिहार में बुधवार को पांच नये मामले सामने आने के बाद प्रदेश में कोविड-19 संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़ कर 131 हो गयी है। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने आज यहां बताया कि पटना में कोरोना वायरस संक्रमण के तीन मामले तथा नालंदा और पूर्वी चंपारण में एक-एक मामला सामने आया है। उन्होंने बताया कि पटना शहर के खजपुरा मुहल्ले में एक पुरुष (60) और दो महिलाएं (30 एवं 57 वर्ष) कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। संजय ने बताया कि नालंदा जिला मुख्यालय बिहार शरीफ तथा पूर्वी चंपारण के फेनारा में एक महिला (26) तथा एक पुरुष (25) कोविड-19 से संक्रमित पाए गए हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण के जो नए मामले आज सामने आए हैं, उनके संपर्क में आए लोगों के बारे में पता लगाया जा रहा है। इसके अलावा एक बार फिर 5 नए लोग बिहार में कोरोना से संक्रमित पाए गए है जिनमें तीन लोग पटना के खासपुरा से है जबकि एक जगदेव पथ और एक सलीमपुर से। यह पांचो केस पटना में ही मिले है। इसके साथ ही पटना में संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 16 हो गई है। पिछले 3 दिनों से बिहार में कोरोना के बहुत सारे मामले एक साथ सामने आए है। बिहार में सोमवार को 17 नए मामले आए थे जबकि मंगलवार को 13 नए मामले सामने आए थे। आज 10 नए मामले सामने आए है। चिंता की बात यह है कि अब बिहार की राजधानी पटना में भी मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। पटना के खाजपुरा में मरीजों का मिलना एक चुनौती हो सकता है। खाजपुरा घनी आबादी वाला बस्ती है जहां लाखों लोग रहते है। बिहार के 4 जिले कोरोनावायरस जोन में तब्दील हो चुके है। यह जिले हैं सिवान मुंगेर नालंदा और अब पटना भी इसमें शामिल हो चुका है 
 बिहार में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ना प्रशासन और सरकार के लिए भी बड़ी चुनौती साबित हो सकता है। हालांकि संजय कुमार ने एक निजी चैनल से बातचीत में बताया कि यहां 75% मरीज में कोरोना के लक्षण दिखाई नहीं दिए जबकि टेस्ट में उन्हें पॉजिटिव पाया गया। एक बात पर खुशी जाहिर करते हुए संजय कुमार ने बताया कि बिहार में जो मरीज मिल रहे हैं उनकी औसतन आयु 27 है जिसका मतलब यह है कि हम संक्रमित लोगों को ठीक करने में कामयाब हो पा रहे है। हालांकि बिहार से एक और रिपोर्ट आ रही है जो वाकई हैरान करने वाली है। बिहार के एक स्थानीय अखबार ने दावा किया है कि जिन लोगों के रिपोर्ट 1 दिन पहले पॉजिटिव आ रहे हैं ठीक उसके अगले दिन वह रिपोर्ट नेगेटिव हो जा रहे है यानी कि जब उनका दूसरा टेस्ट किया जा रहा है तो वह नेगेटिव हो जा रहा है। भले ही वह 1 दिन बाद ही क्यों ना किया जा रहा हो। कहीं ना कहीं इससे सरकार और प्रशासन पर कोरोना के खिलाफ जंग में सवाल उठ रहे है। 
 गौरतलब है कि पटना स्थित एम्स में कोरोना वायरस से संक्रमित मुंगेर जिला निवासी एक मरीज की गत 21 मार्च को तथा वैशाली जिला निवासी एक मरीज की गत शुक्रवार को मौत हो गयी थी। बिहार के कुल 38 जिलों में से 16 जिलों में कोविड-19 के मामले अब तक सामने आए हैं। सिवान और नालंदा में कोरोना वायरस के सबसे अधिक 29-29 मामले, मुंगेर में 27, बेगुसराय 9, पटना में 11, बक्सर में 8, गया में 5, गोपालगंज एवं नवादा में तीन—तीन तथा सारण, लखीसराय, भागलपुर, वैशाली, भोजपुर, रोहतास एवं पूर्वी चंपारण में एक—एक मामला सामने आया है। ओमान से लौटे सिवान निवासी एक मरीज के संपर्क में आए 23 लोगों में अब तक कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। वहीं कतर से लौटे, मुंगेर निवासी जिस मरीज की 21 मार्च को पटना स्थित एम्स में मौत हो गयी थी, उसके संपर्क में बीते दिनों में 64 व्यक्ति आए थे। इनमें से 55 के नमूने जांच के लिए आरएमआरआई में भेजे गये थे, जिसमें से 11 में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई थी। उल्लेखनीय है कि बिहार में एक महीने पूर्व 22 मार्च को कोरोना वायरस संक्रमण का पहला मामला सामने आया था। राज्य में अब तक कोरोना वायरस के 12,978 संदिग्ध नमूनों की जांच की जा चुकी है और इस वायरस से संक्रमित 42 मरीज स्वस्थ भी हो चुके हैं।

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