गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा के तत्वावधान में फल्गुन महीने की संग्रांद कथा कीर्तन के रूप में श्रद्धा पूर्वक मनाई गई
गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा, आढ़त बाजार के तत्वावधान में फल्गुन महीने की संग्रांद कथा कीर्तन के रूप में श्रद्धा पूर्वक मनाई गई कार्यक्रम के पश्चात संगत ने प्रसाद के रूप में गुरु का लंगर छका।
प्रात: नितनेम के पश्चात भाई चरणजीत सिंह जी ने आसा की वार का शब्द 'नानक मंगे दरस दान, किरपा करो हरे "का गायन किया l रखे गए श्री अखण्ड पाठ साहिब के भोग डाले गये, रागी भाई सतवन्त सिंह जी ने शब्द " फल्गुन अनंद उपार्जना, हऱ सजन प्रगटे आये "भाई गुरदियाल सिंह जी ने शब्द " गुर सुन्दर मोहन पाये करे, हऱ प्रेम बाणी मन मरिया "एवं भाई जरनैल सिंह जी महक ने शब्द " एक पिता ऐक्स के हम बारिक, तू मेरा गुरहाई"का गायन कर संगतों को निहाल किया।
हैड ग्रंथी भाई शमशेर सिंह ने महीने की कथा करते हुए कहा कि फल्गुन के महीने में जो जीव स्त्री को परमात्मा रूपी प्रीतम प्यारा प्रत्यक्ष रूप में दिखाई दे जाता है उसे आनन्द ही आनन्द का अनुभव होता है, प्रीतम प्यारा मिल जाने से जीव स्त्री का दिल सुन्दर बन जाता है, उसे सारे सुखों कि प्राप्ति हो जाती है एवं दुखों की कोई जगह ही नहीं रह जाती ।
इस अवसर पर प्रधान गुरबक्श सिंह राजन, जनरल सेक्रेटरी, गुलज़ार सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगमिंदर सिंह छाबड़ा, उपाध्यक्ष चरणजीत सिंह, सचिव अमरजीत सिंह राजा, विजयपाल सिंह, देविंदर सिंह भसीन, राजिंदर सिंह राजा , रविंदर आनद, हरदेव सिंह देविंदर सिंह सहदेव, जे एस कुकरेजा, जसवन्त सिंह सप्पल, स्वरूप सिंह, सुरजीत सिंह कोहली, अमरजीत सिंह नॉटी, माता जीत कौर, मंच का संचालन महासचिव गुलज़ार सिंह एवं सेवा सिंह मठारू ने किया आदि उपस्थित थे।