किस कारण से सरकारी राजस्व को लगती है क्षति,जरूर पढ़ें ये खबर

बांदा। घोर आश्चर्य की खबर! जिला मुख्यालय के जीआईसी मैदान में चल रही प्रदर्शनी नियम विरुद्ध है, तो यह चल कैसे रह रहा है?नियमावली की अनदेखी कर अनुमति कैसे मिल गई? कुछ न कुछ तो दाल में काला है।
शासन के स्पस्ट आदेश है की किसी सरकारी गैर सरकारी स्कूलों मे शिक्षा तथा खेलकूद बगैरह के अलावा किसी कार्य के लिए स्कूल का मैदान आवंटित न किया जाए, किन्तु जी. आई. जी. कालेज के प्रिसिंपल ने कथित निजी स्वार्थ के तहत हर बार इन्ही लोगो को एक एक माह के लिए निशुल्क मैदान उपलब्ध करा देते हैं जो की नियम विरुद्ध है।
जब की दूसरा मैदान जहीर क्लब इस तरह की व्यवसायिक कार्यक्रमों के लिए सुरक्षित है, पर ये बांदा ट्रेड फेयर वाले जहीर क्लब मैदान मे मेला नही लगाते क्योंकि उक्त मैदान का किराया जमा होता है, जो की सरकारी होता है। जहीर क्लब मैदान मे धार्मिक कार्य क्रमो का प्रति दिन का 1000रुपया,राजनीतिक कार्यक्रमों का 2000 तथा व्यवसायिक जैसे प्रदर्शनी, मेला इत्यादि का 3000 रुपया प्रति दिन जमा होता है।
विगत 10 सालो से जी आई सी मैदान मे लग रही प्रदर्शनीयो का कोई किराया सरकारी तौर पर नही लिया गया,जिससे सरकार का कई लाख का नुकसान हुआ। फायर सार्विस से भी अनापत्ति प्रमाण पत्र में हेरा-फेरी का सिलसिला रहता हैं। दूसरा स्कूल के मैदान शादी विवाह प्रदर्शनी मेला के लिये पूर्ण तया निषेध है। शासन ने इस मामले में एक शासनादेश जारी किया गया है जो इस तरह है। शासनादेश सं. 960/15-09/12-2003(66)/2012 दिनांक 29-09/2012 और शासनादेश सं. 1008/15-09-12-2003(66)/2012 दिनांक 29-09-2012 के तहत निजी कार्यक्रमों तथा व्यवसायिक कार्यक्रमो पर रोक है,
इस सम्बन्ध मे जनसूचना के तहत प्रश्न किया गया था पर सम्बन्धित जिम्मेदार लोगो नें इसका जबाब नहीं दिया।
जब य़ह मेला वाले वापस जाते है तो वहां जो टीने कीलो से लगाई जाती है, जाते वक्त वो कीले तथा बहुत सारा कचड़ा मैदान मे छोड़ जाते है। जिससे नंगे पैर सुबह की सैर करने वालो के पैरो मे कीले चुभ जाती है।
देखा जाय तो पहले दिन के बाद से मेले मे कोविड नियमो का भी पालन नही किया जा रहा। बाहर से आये दुकानदारो का कोरोना टैस्ट भी नही कराया गया।
इन सब परिस्थितियों को देखते हुए जिला प्रशासन को चाहिए की बांदा ट्रेड फेयर मेला को तत्काल बंद कराया जाये। साथ ही शासनादेश की अवहेलना करनें वालों पर कार्रवाई हो।