ऑपरेशन मुक्ति की एक और उपलब्धी
ऑपरेशन मुक्ति की एक और उपलब्धी
देहरादून। भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों को शिक्षा हेतु प्रेरित करने व उनके पुनर्वास हेतु नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही करने हेतु श्री अशोक कुमार, पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड के निर्देशानुसार समस्त जनपदों में ’’ऑपरेशन मुक्ति’’ अभियान चलाया जाता है। इसके साथ ही बाल अपराध की रोकथाम और भिक्षावृत्ति कराने वाले अपराधियों की गिरफ्तारी हेतु एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल को निर्देशित किया गया है।
इसी क्रम में हरिद्वार में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल ने रोड़ीबेलवाला क्षेत्र से एक नशेखोर प्रिन्स को गिरफ्तार करते हुए उसके कब्जे से दो नाबालिग सगी बहनों को आजाद कराया। पूछताछ में दोनों बहनों ने बताया कि कुछ समय पहले उनकी मां की मौत हो गई थी। पिता दोनों बहनों को हरिद्वार छोड़कर चला गया था। उसी दौरान रोड़ीबेलवाला प्रिंस के संपर्क में आई। आरोपी ने दोनों को डरा-धमकाकर पहले जबरन फ्लूड नशे का सेवन कराकर उनका शारीरिक शोषण किया फिर हरकी पैड़ी में भिक्षावृत्ति कराने लगा। अभियुक्त प्रिन्स के विरुद्ध पोक्सो एक्ट, व अन्य सुसंगत धाराओं में 06 अभियोग पंजीकृत कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया। दोनों नाबालिग बहनों को शिशु बालिका गृह केदारपुरम देहरादून में आश्रय दिलाया गया है।
अशोक कुमार, पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड ने पुलिस टीम को 50 हजार का ईनाम देने की घोषणा की है। साथ ही इस प्रकरण में किसी संगठित अपराध की आशंका की गहन जांच करने हेतु वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार को निर्देशित किया है।
ऑपरेशन मुक्ति का उद्देश्य भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों को शिक्षा दिलाकर उनका पुनर्वास करना है। अभी तक इस अभियान में 5997 बाल भिखारियों की पहचान की गई है और एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल ने पिछले पांच वर्षों में आधे से अधिक को भीख मांगने से बचाया है। इनमें से 2149 बच्चों का दाखिला कराया गया था जिसमें से 1394 वर्तमान में भी स्कूल में हैं, जो पढ़ रहे हैं, सीख रहे हैं, खेल रहे हैं और बेहतर भविष्य की कल्पना कर रहे हैं।
आप सभी से अनुरोध है कि इस अभियान में योगदान दें। ऐसे बच्चों को भीख न देकर उनकी शिक्षा में सहयोग करें। यदि आप आस-पास ऐसे बच्चे हैं, तो उनकी सूचना हम तक पहुंचाएं।