Fri. Jan 31st, 2025

आठवें गुरु श्री गुरु हरिकृष्ण साहिब जी का 366 वां पावन प्रकाश पुरव कथा

(संवाददाता Uk Sahara)

गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा, आढ़त बाजार के तत्वावधान में आठवें गुरु श्री गुरु हरिकृष्ण साहिब जी का 366 वां पावन प्रकाश पुरव कथा – कीर्तन के रूप में पूर्ण श्रद्धा एवं उत्साह पूर्वक मनाया गया ।
प्रात:नितनेम के पश्चात भाई भाई प्रीतम सिंह जी ने आसा की वार का शब्द ” श्री हरिकृष्ण धिआइये जिस डिठे सब दुःख जाये “का गायन कर संगत को निहाल किया , स जसपाल सिंह जी द्वारा रखे गये श्री अखण्ड पाठ साहिब के भोग डाले गये ।


हैड ग्रंथी भाई शमशेर सिंह जी ने कहा कि गुरु हरिकृष्ण साहिब साहिब जी का प्रकाश गुरु हरिराय जी के किरतपुर में हुआ गुरु जी प्रभु भक्ति का उपदेश देते एवं गुरु मर्यादा का पाठ पक्का करवाते, गुरु हरिकृष्ण जी पांच वर्ष की आयु में गुरुगद्दी पर बिराजमान हुए और रोपड के राजे को दर्शन देने से इनकार कर दिया ज़ब राजे ने बेनती की तो सतगुरु जी ने राजे को पुत्रियों को मारने का दोषी करार दिया एवं प्रमात्मा की दी हुई चीजपरवान करने का हुक्म दिया, किरतपुर से दिल्ली आते हुए रास्ते में पंजोखरा साहिब में ब्राह्मण लाल चंद का हंकार छज्जू – झीवर के साथ तोड़ा l सारे शहर को चेचक के रोग से छुटकारा दिलाया।


भाई गुरदियाल सिंह जी ने शब्द “गुर की महिमा कथन ना जाये, पारब्रह्म गुर रहिया समाये “एवं भाई सतवंत सिंह जी ने शब्द “अत प्रीतम मन मोहना घट, सोहना प्राण अधारा राम” का गायन कर संगत क किया ।


कार्यक्रम के पश्चात संगत ने गुरु
का लंगर छका l मंच का संचालन सेवा सिंह मठारु ने किया l इस अवसर पर प्रधान स. गुरबक्श सिंह राजन, महासचिव स. गुलज़ार सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष स. जगमिंदर सिंह छाबड़ा, उपाध्यक्ष चरणजीत सिंह चन्नी, सचिव अमरजीत सिंह छाबड़ा, मनजीत सिंह, सतनाम सिंह, जसविंदर सिंह मोठी,राजिंदर सिंह राजा, गुरदेव सिंह साहनी, जसवंत सिंह सप्पल, लखविंदर सिंह,बीबी जीत कौर आदि उपस्थित थे l कार्यक्रम में सरकारी गाइडस लाइन्स का पूर्णरूप से पालन किया गया 

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