अवशेष पदों को भरने के लिये फिर की जायेगी काउंसलिंग : धन सिंह रावत
अवशेष पदों को भरने के लिये फिर की जायेगी काउंसलिंग : धन सिंह रावत
देहरादून। सूबे में प्राथमिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत बेसिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है। सभी जनपदों में दो चरण की काउंसलिंग सम्पन्न होने के उपरांत 1501 बेसिक शिक्षकों का चयन किया जा चुका है। अवशेष 1405 रिक्त पदो ंके लिये तीसरे और चौथे चरण की काउंसलिंग भी की जायेगी, जिसके निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये हैं। नये शिक्षकों के चयन से प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में लगभग शिक्षकों की कमी दूर हो जायेगी।
सूबे के विद्यालय शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि प्रदेश के राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को दूर करने तथा प्राथमिक स्तर पर नौनिहालों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने को लेकर विभाग ने बड़े पैमाने पर प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की है। जनपद स्तर पर आयोजित बेसिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में अब तक दो चरण की काउंसलिंग सम्पन्न होने के बाद कुल 1501 शिक्षकों का चयन किया जा चुका है। प्रथम चरण की काउंसलिंग में 473 जबकि द्वितीय चरण की काउंसलिंग में 1028 शिक्षकों का चयन किया गया है। जिसमें पौड़ी जनपद में 179, चमोली में 285, रूद्रप्रयाग 38, टिहरी 135, उत्तरकाशी 57, देहरादून 26, हरिद्वार 97, नैनीताल 95, अल्मोड़ा 42, बागेश्वर 68, चम्पावत 11, पिथौरागढ़ 164 तथा ऊधमसिंह नगर में 304 बेसिक शिक्षक शामिल है। चयनित बेसिक शिक्षकों को संबंधित जनपदों में नियुक्ति पत्र भी वितरित किये जा रहे हैं ताकि वह आवंटित विद्यालयों में शीघ्र योगदान से सके।
विभागीय मंत्री ने बताया कि अवशेष 1405 पदों को भरने के लिये विभागीय अधिकारियों को तीसरे व चौथे चरण की काउंसलिंग करने के निर्देश दे दिये गये हैं ताकि सभी पदों को समय पर भरा जा सके। उन्होंने बताया कि प्राथिमक शिक्षा विभाग ने सभी जनपदों में बेसिक शिक्षकों के कुल 2906 पदों पर विज्ञप्ति निकाली थी जिसके सापेक्ष प्रदेशभर में 26 हजार अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। जिसमें से अधिकांश अभ्यर्थियों ने एक से अधिक जनपदों में आवेदन किया है, जिस कारण आवेदकों की संख्या में इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा कि इस बार सभी जनपदों में एक साथ काउंसलिंग होने से अभ्यर्थियों को दूसरे जनपद में काउंसलिंग में जाने का मौका नहीं मिला है, जिस कारण दो चरण की काउंसलिंग के बावजूद लगभग 50 प्रतिशत अभ्यर्थीयों का ही चयन हो पाया है। जिसके चलते विभाग को तीसरे और चौथे चरण की काउंसलिंग करानी पड़ रही है।