अखाड़े की परंपराओं का निर्वहन करुंगा-आचार्य महामंडलेश्वर
कैलाशानंद गिरी श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी के आचार्य महामंडलेश्वर बने,कहा मैं अखाड़े की परंपराओं का निर्वहन करुंगा-आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी
(संवाददाता NewsExpress18)
हरिद्वार।मकर संक्रांति के अवसर पर वैदिक रीति रिवाज और हिंदू धर्म की परंपरा के साथ बड़ी धूमधाम से स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज को आदि जगतगुरु शंकराचार्य वाला स्थापित दशनामी नागा संन्यासी परंपरा के सबसे प्रतिष्ठित अखाड़ा श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर बनाया गया।उन्हें आचार्य महामंडलेश्वर बनाने के लिए एक दिव्य और भव्य पट्टाभिषेक समारोह का आयोजन किया गया।श्री निरंजनी पंचायती अखाड़ा के सचिव महन्त नरेंद्र गिरी तथा मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी महाराज एवं रमता पंचों की उपस्थिति में अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर पद पर सुशोभित किया गया और उनका पंचामृत से अभिषेक किया गया।आचार्य महामंडलेश्वर का पद अखाड़े का सर्वोच्च पद होता है,जो दशनाम नागा संन्यासी परंपरा से जुड़े हुए ब्रहमचारीयों को संन्यास दीक्षा देते हैं।
इस अवसर पर विभिन्न 13 अखाड़ों के महामंडलेश्वर श्री महन्त मौजूद थे,जिन्होंने भगवा चादर चढ़ाकर स्वामी श्री कैलाशानंद गिरी महाराज को आचार्य महामंडलेश्वर पद पर सुशोभित किया और सभी संतो ने उम्मीद जताई कि आचार्य महामंडलेश्वर पद पर आसीन होकर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज हिंदू धर्म ध्वजा को चारों ओर फहराएंगे तथा अखाड़े की परंपराओं को निभाते हुए संत समाज का गौरव और मान बढ़ाएंगे।इस मौके पर मौजूद उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा कि आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज भारतीय संस्कृति के सच्चे संवाहक हैं।
उन्होंने हमेशा भारतीय संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए कार्य किया है और अपना जीवन मानव सेवा और संत समाज की सेवा में समर्पित कर दिया है,ऐसे संत विरले ही होते हैं।
भावुक होते हुए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष और श्री निरंजनी पंचायती अखाड़ा के सचिव महन्त नरेंद्र गिरि महाराज ने कहा कि अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर पद पर आसीन हुए स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज जैसा युवा और दिव्य संत संत समाज और हिंदू समाज को एक नई दिशा देगा।उन्हें अखाड़ा की सर्वोच्च परिषद रमता पंच और अखाड़े के पदाधिकारियों ने सर्वसम्मति से इस सर्वोच्च पद पर स्थापित किया है। निरंजनी पंचायती अखाड़ा के सचिव और श्री मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महन्त श्री रविंद्र पुरी महाराज ने कहा कि श्री निरंजनी पंचायती अखाड़ा हमेशा समाज निर्माण और मानव सेवा के लिए कार्य करता रहा है और आज एक युवा संत ने अखाड़ा के सर्वोच्च आचार्य महामंडलेश्वर पद को सुशोभित कर अखाड़े का मान बढ़ाया है।हमें आशा है कि आचार्य श्री अखाड़े की परंपरा का निर्वहन करते हुए संत समाज का नाम रोशन करेंगे।उन्होंने कहा कि आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी महाराज एक ऊर्जावान संत हैं।
उनसे समाज को बहुत अपेक्षाएं हैं और निरंजनी पंचायती अखाड़ा के सभी पदाधिकारी संत महंत भारतीय संस्कृति के प्रचार प्रसार में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करेंगे।इन भावुक क्षणों में आचार्य महामंडलेश्वर पद पर सुशोभित हुए स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि आज उनके कंधों पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी श्री निरंजनी पंचायती अखाड़ा के महन्त श्री रवींद्र पुरी जी महाराज और महंत नरेंद्र गिरि जी महाराज तथा रमता पंच ने जो दी है,वे उसका पूर्ण पालन करेंगे।भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित भाव से कार्य करेंगें।हरिद्वार में इस साल होने वाले महाकुंभ मेले को निर्विघ्न और दिव्य भव्य रुप से संपन्न कराने के लिए वे कार्य करेंगे।उन्होंने कहा कि वे अखाड़ा और संतों की परंपरा से कभी भी समझौता नहीं करेंगे।अखाड़े की उन्नति और संतों के द्वारा बताए गए मार्ग का अनुसरण करेंगे।
कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी महाराज ने हमेशा समाज को नई दिशा दी है और वे एक महान संत हैं।उन्होंने हमेशा मानव सेवा को ही अपना धर्म माना है।वह मानवता की सच्ची मिसाल हैं।इस अवसर पर कई संत महंतों ने अपने विचार रखे।महन्त राम रतन गिरी आनंद अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर बालकानंद गिरी महन्त, दुर्गादास महन्त दामोदर दास,महन्त देवानंद,महन्त प्रेम गिरी महाराज,महन्त रविंद्र पुरी महाराज,महन्त जसविंदर सिंह महाराज, महन्त जगजीत सिंह महाराज,ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी,सतपाल बाबा, हठयोगी ब्रह्मचारी,भाजपा साँसद मनोज तिवारी,मेयर गौरव गोयल,प्रसिद्ध गायक अनुराधा पौडवाल,पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण,ओमप्रकाश जमदग्नि समेत कई लोग शामिल हुए।
पट्टाभिषेक से पहले कैलाशानंद गिरी महाराज रथ पर शोभा यात्रा निकालते हुए आश्रम दक्षिण काली मंदिर से निरंजनी अखाड़े तक पहुँचे।भव्य कार्यक्रम दौरान हेलीकॉप्टर से फूलों से वर्षा की गई,साथ ही जगह-जगह रास्ते में भी समर्थकों ने पुष्पवर्षा कर उनका जोरदार स्वागत किया।कार्यक्रम में साँसद मनोज तिवारी और प्रसिद्ध भजन गायिका अनुराधा पौडवाल ने भी मंच से भजन गाकर शुभकामनाएं दी।श्री निरंजनी पंचायती अखाड़े के सचिव महन्त श्री नरेंद्र गिरी महाराज,श्री निरंजनी पंचायती अखाड़े के सचिव एवं श्री मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष जनप्रिय संत महन्त श्री रविंद्र पुरी महाराज के कुशल निर्देशन और मार्गदर्शन में पट्टा विशेष समारोह की भव्य दिव्य तैयारियां की गई।श्री महन्त रविंद्र पुरी महाराज के द्वारा रात-दिन एक करके इस कार्यक्रम को मूर्त रूप दिया गया है।उनके अथक प्रयासों से यह कार्यक्रम संभव हो पाया।
उन्होंने कहा कि एक विद्वान संत आचार्य महामंडलेश्वर पद पर श्री कैलाशानंद गिरी के रूप में अखाड़े में प्रतिष्ठित हो रहे हैं पिछले साल 31 दिसंबर को श्री जगदगुरू आश्रम कनखल के प्रमुख महामंडलेश्वर राज राजेश्वराश्रम महाराज ने अपने आश्रम में श्री ब्रह्मचारी कैलाशानंद महाराज को संन्यास दीक्षा दी थी और उनकी चोटी काटी गई थी और उन्हें विभूति स्नान किया गया था।इस साल 1 जनवरी को कैलाशानंद ब्रह्मचारी के जन्मदिन के दिन शुभ मुहूर्त में कनखल के काली मंदिर आश्रम में कैलाशानंद ब्रह्मचारी को विधि विधान से सन्यास दीक्षा दी गई थी। कैलाशानंद ब्रह्मचारी महाराज अब आचार्य महामंडलेश्वर श्री कैलाशानंद गिरी के नाम से सन्यास जगत में ही नहीं पूरे विश्व में जाने जाएंगे।संस्कृत और भारतीय धर्म ग्रंथों के प्रकांड पंडित और तपस्वी संत आचार्य महामंडलेश्वर श्री कैलाशानंद गिरी महाराज मां काली और शिव के भक्त हैं और सावन में वे कठोर साधना करके 1 महीने तक 12 से 18 घंटे तक शिव का रुद्राभिषेक करते हैं।
साल में दो नवरात्रों में मां काली की घोर साधना करते हैं।जब से वे हरिद्वार में आए तब से उन्होंने कठोर साधना तपस्या की और अपने व्यवहार और कुशल वाणी के द्वारा वे हरिद्वार वासियों के दिलों पर छा गए।इसी तरह महन्त श्री रवींद्र पुरी महाराज ने जब निरंजनी अखाड़ा और श्री मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट तथा एसएम जेएन पीजी कॉलेज और श्री रामानंद स्ट्रीट की कमान संभाली।तब से इन सभी संस्थानों को उन्होंने शीर्ष पर पहुंचाने के लिए अथक प्रयास किया और पूरे हरिद्वार वासियों का दिल जीत लिया।निरंजनी अखाड़े के सचिव महन्त श्री नरेंद्र गिरी महाराज ने जब से अखाड़े की कमान संभाली तब से उन्होंने अखाड़ा परिषद को एक धार दी और अखाड़ा परिषद की धाक जमाई और उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर श्री पंच दश जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री महन्त श्री हरि गिरि महाराज ने अखाड़ा परिषद की साख को चार चांद लगाने में अहम सहयोग दिया।इन महान संतों की वजह से आज हरिद्वार के संत समाज का पूरे विश्व में मान-सम्मान बना हुआ है और हर कोई उन्हें सम्मान प्रदान करता है।
श्री आचार्य कैलाशानंद गिरि महाराज के पट्टा अभिषेक समारोह जहां राजनीति धर्म क्षेत्र से जुड़ी महान विभूतियां शामिल हुई,वहीं आम जनमानस भी इस कार्यक्रम में शामिल हुआ ऐसा भव्य समारोह आज तक हरिद्वार में किसी आचार्य महामंडलेश्वर के पट्टा विशेष समारोह में नहीं हुआ है।