साइबर अपराधियों के विरुद्ध कार्रवाई
देहरादून। पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड के निर्देशो के क्रम में पुलिस महानिरीक्षक साइबर/अपराध एवं कानून व्यवस्था नीलेश आनन्द भरणे द्वारा प्रदेश के निवासियों से ठगी करने वाले साइबर अपराधियों पर सख्त कार्यवाही करने हेतु साइबर क्राइम पुलिस को दिशा निर्देश दिये गये है ।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 नवनीत सिंह द्वारा जानकारी देते हुये बताया कि वर्ष 2024 में साइबर थाना गढ़वाल एवं कुमाऊं के द्वारा पुलिस उपाधीक्षक साइबर अंकुश मिश्रा के पर्यवेक्षण में अथक मेहनत व परिश्रम से कई सराहनीय कार्य किये गये जिन्हें आपके साथ साझा किया जा रहा है ।
साइबर थाना देहरादून में प्रभारी निरीक्षक त्रिभुवन रौतेला एवं साइबर थाना कुमांऊ में प्रभारी निरीक्षक अरुण कुमार द्वारा समस्त टीमों के साथ समनवय स्थापित करते हुए सराहनीय प्रयत्न किये गये ।
वर्ष 2024 में साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन को भारत की डेटा सुरक्षा परिषद द्वारा प्रदर्शन के लिए भारत की शीर्ष 03 साइबर इकाइयों के रूप में आंका गया था।
123 साइबर अपराधियों (दर्जनों हवाला ऑपरेटर) के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गयी।
1930 की टीम ने 28 करोड़ रुपए बचाए।
75 जागरुकता/प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से लगभग 12,000 से अधिक छात्र-छात्राओं/शिक्षक/अविभावकों, जनता के आम नागरिक/सीनियर सीटिजनों को जागरुक किया गया।
04 स्थानीय साइबर गैंग पकड़े गये, उत्तराखंड को साइबर हॉटस्पॉट नहीं बनने देंगे
चारधाम यात्रा हेतु ऑनलाइन हैली सर्विस टिकट बुकिंग सेवा के नाम पर ठगी से बचाव हेतु 82 वेबसाईट्स व 45 फेसबुक एकाउण्ट बंद
साइबर अपराधियों के विरुद्ध कार्रवाई
देहरादून। साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन उत्तराखण्ड द्वारा थाने पर पंजीकृत अभियोगों में प्रकाश में आये अभियुक्तों की तलाश/गिरफ्तारी हेतु वर्ष 2024 में पूरे भारत वर्ष की चारों दिशाओं में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, बिहार, छत्तीसगढ, गुजरात, मध्यप्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, अरुणाचल प्रदेश, कर्नाटका, तमिलनाडू, केरला आदि गैर राज्यों के विभिन्न जिलों/क्षेत्रों में अभियुक्तों की पतारसी-सुरागरसी एवं सत्यापन कार्यवाही की गयी एवं गिरफ्तारी हेतु कुल 102 दबिशें देकर कुल 123 अभियुक्तों के विरुद्ध विधिक कार्यवाही की गयी जिनमें 01 विदेशी नाइजीरियन नागरिक सहित 66 अभियुक्त गिरफ्तार किये गये एवं 01 अभियुक्त हाजिर अदालत व 56 अभियुक्तों के विरुद्ध धारा 41-A दण्ड प्रक्रिया संहिता/35(3) भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता-2023 के अन्तर्गत कार्यवाही की गई। जिससे नागरिकों में सुरक्षा की भावना बढ़ी है।
साइबर अपराध हैल्प लाइन-1930
उत्तराखण्ड राज्य में एस0टी0एफ0 के अधीन साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन देहरादून में साइबर अपराधों की त्वरित रिपोर्टिंग और समाधान के लिए 1930 हेल्पलाइन नंबर सक्रिय है, जहां नागरिक तुरंत अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं।
प्रभारी निरीक्षक सुधीर कुमार की देखरेख में 1930 सेल कार्यरत है।
वर्ष 2024 मे NCRP/1930 साइबर हैल्प लाइन पर साइबर धोखाधडी सम्बन्धित प्राप्त कुल शिकायती प्रकरणों में कुल 28.12 करोड रुपये की धनराशि को बचाया गया है ।
जनजागरूकता कार्यशाला एवं प्रशिक्षण।
साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन के द्वारा वर्ष-2024 में लगभग 75 जागरुकता/प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से लगभग 12,000 से अधिक छात्र-छात्राओं/शिक्षक/अविभावकों, जनता के आम नागरिक/सीनियर सीटिजनों को जागरुक किया गया एवं विभिन्न संगठनों, NGOs, बैंक आदि सरकारी/गैर सरकारी संस्थानों के अधिकारी/कर्मचारियों, पुलिस/न्यायिक अधिकारियों और लोक अभियोजन अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया।
तीन नए कानूनों का छः चरण में प्रशिक्षण
उत्तराखंड में 01 जुलाई 2024 से तीन नए आपराधिक कानून लागू हुए हैं: भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 इन कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए देहरादून और उधम सिंह नगर पुलिस ने छह चरणों में व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए हैं। साइबर पुलिस स्टेशनों की टीमों ने लगभग 1000 पुलिस अधिकारियों/कर्मियों को नए आपराधिक कानूनों पर गहन प्रशिक्षण दिया।
चार बडे गैंग्स का जड़ से खात्मा
ए0टी0एफ0/साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन द्वारा राज्य में साइबर अपराधों की रोकथाम हेतु किये जा रहे प्रयासों के अन्तर्गत साइबर अपराधों से संबंधित सभी संभावित स्रोतों से डेटा एकत्र कर डेटा विश्लेषण की प्रक्रिया प्रारंभ की गयी एवं I4C के विभिन्न वेब पोर्टल के माध्यम से विश्लेषण कर उत्तराखण्ड में सक्रिय चार बड़े गैंग को जड़ से समाप्त किया गया। जिनका विवरण निम्नवत है।
1.प्रधानमंत्री मुद्रालोन स्कैम
एस0टी0एफ0/साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन द्वारा माह मार्च-2024 में इस गिरोह का भाण्डाफोड करते हुये गिरोह के मास्टरमाइण्ड सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया । आरोपी प्रेमनगर में एक कॉल सेंटर चला रहे थे। ये लोगों से मुद्रा लोन पास कराने और सब्सिडी दिलाने के नाम पर प्रोसेसिंग फीस आदि लेकर ठगी कर रहे थे। आरोपियों ने कॉल करने के लिए सैकड़ों सिम भी खरीदे थे, जिनमें से 64 सिम को एसटीएफ ने बरामद भी किया है। ठगों ने दो माह में करीब डेढ़ करोड़ रुपये की ठगी को अंजाम दिया था।
2.क्रेडिट कार्ड स्कैम
माह मई-2024 में फर्जी क्रेडिट कार्ड देने के नाम पर धोखाधड़ी करने के मामले में उत्तराखंड एसटीएफ द्वारा कार्रवाई करते हुए मौहल्ला रामनगर ग्राम रावली महदूद हरिद्वार में एक घर में छापा मारकर गिरोह के सरगना को गिरफ्तार कर गिरोह का भाण्डाफोड किया गया। ये लोग क्रेडिट कार्ड आदि के नाम पर फर्जी बैंक कर्मचारी बनकर काल करते थे और लोगों से क्रेडिट कार्ड (जिसकी लिमिट 5 लाख रुपए तक है) बताकर उसे स्वीकृत किए जाने को लेकर प्रोसेसिंग शुल्क के नाम पर ठगी करते थे।
3.इण्टरनैशनल कॉल सैण्टर
एस0टी0एफ0/साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन द्वारा माह अगस्त-2024 में इस गिरोह का भाण्डाफोड करते हुये बरामद सभी उपकरणो को सील कर कॉल सेन्टर संचालित करने वाले सभी 05 अभियुक्तों के विरुद्व वैधानिक कार्यवाही की गयी। गिरोह द्वारा राजपुर रोड देहरादून में कॉल सेन्टर चलाकर स्वंय को माइक्रोसॉफ्ट एंव एप्पल जैसे प्रतिष्ठित कम्पनियों का अधिकारी बताकर यू0एस0ए0 व कनाडा के नगारिकों को भ्रमित कर तथा पाँप-अप मैसेज के माध्यम से उनके द्वारा पोर्न वीडियो देखे जाने व उनके बैक खातो में धोखाधडी की बात कहते हुये उनको डराकर धनराशि प्राप्त कर धोखाधडी का कार्य किया जा रहा था।
4.फेक जॉब ऑफर स्कैम
पटेलनगर देहरादून क्षेत्र में सहारनपुर-देहरादून रोड पर बाबाजी ट्रांसपोर्ट की आड़ में कॉल सेंटर चलाकर आईबीएम, एचसीएल, टेक-महिंद्रा, अमेजॉन जैसी तमाम दिग्गज कंपनियों के नाम पर बेरोजगार युवकों को फर्जी जॉब ऑफर लेटर थमा कर प्रोसेसिंग शुल्क के नाम पर साइबर ठगी करने वाले गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार करते हुये इस गिरोह का भाण्डाफोड किया गया। गिरोह के सदस्यों द्वारा ज्यादातर दक्षिण भारत के राज्यों तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र के बेरोजगार युवाओं को निशाना बनाकर साइबर ठगी को अंजाम दिया जा रहा था।
प्रत्येक टीम के अनुसार 01 अच्छे कार्य इस प्रकार हैं।
1.डीआइजी एसटीएफ सेंथिल अवूदई कृष्ण राज एस के नेतृत्व और एसएसपी एसटीएफ नवनीत सिंह की देखरेख में डिप्टी एसपी साइबर अंकुश मिश्रा की टीम अक्टूबर में राज्य सरकार के आईटी बुनियादी ढांचे की सुरक्षा और सुरक्षा परिवर्तन लाने में मदद करने में सक्षम थी।
2.इंस्पेक्टर विजय भारती एवं टीम दुबई में बैंक खाते और सिम कार्ड सप्लाई करने वाले एक बड़े हवाला ऑपरेटर को एसटीएफ/साइबर थाने ने गिरफ्तार किया | गिरफ्तार अभियुक्त पर पूरे देशभर 104 मुकदमे एवं 2327 विभिन्न साइबर अपराधों में देश भर में आपराधिक तार है | अभियुक्त की गिरफ्तारी सूरत गुजरात से की गयी|
3.इंस्पेक्टर विकास भारद्वाज एवं टीम देश में एम2एम सिम के माध्यम से अपराध का राष्ट्रीय सुरक्षा का सनसनीखेज गंभीर मामला । अभी तक 29,000 एयरटेल और 16,000 टेलीकॉम-आइडिया के सिम कार्ड खरीदे गए हैं। उत्तराखंड पुलिस के प्रयासों से सभी को रोक दिया गया। (Blocked)
4.इंस्पेक्टर त्रिभुवन रौतेला एवं टीम साईबर थाना देहरादून/एसटीएफ उत्तराखण्ड देहरादून ने बजाज एलाईन्ज की बन्द पडी पालिसी को पुर्नजीवित करने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के सदस्य को किया गिरफ्तार| साईबर थाने के 24 लाख की धोखाधड़ी के मामले में गिरोह का मुख्य सरगना राष्ट्रीय साईबर अपराधी को किया नोएडा से गिरफ्तार।
5.अतिरिक्त एसआई सुनील भट्ट एवं टीम
साइबर पुलिस उत्तराखण्ड (STF) द्वारा पॉलिसी के नाम पर 37 लाख रुपयों की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के 03 सदस्यों को बागपत एवं नोयडा से किया गिरफ्तार| साथ ही चला उत्तराखण्ड पुलिस का दिल्ली पुलिस के साथ संयुक्त अभियान जिसमें 06 अभियुक्त गण को बुरारी थाना दिल्ली में अभियोग पंजीकृत कर गिरफ्तार किया गया |
6एसआई आशीष गुसाईं
एसटीएफ उत्तराखण्ड द्वारा चारधाम यात्रा हेतु ऑनलाइन हैली सर्विस टिकट बुकिंग सेवा के नाम पर ठगी से बचाव हेतु 82 वेबसाईट्स व 45 फेसबुक एकाउण्ट सहित विभिन्न बैंक एकाउण्ट्स को डेबिट फ्रीज कर व्हट्सएप्प नम्बरों को बन्द करवाया गया।
7.अतिरिक्त एसआई मुकेश पाल व टीम
बैंक खाते और सिम कार्ड सप्लाई करने वाले एक और बड़े हवाला ऑपरेटर को एसटीएफ साइबर थाने ने गिरफ्तार किया | गिरफ्तार अभियुक्तों के गिरोह पर पूरे देशभर 159 मुकदमे एवं 3272 विभिन्न साइबर अपराधों में देश भर में आपराधिक तार है | अभियोग में तीसरी गिरफ़्तारी| पूर्व में इसी अभियोग में केरला एवं कर्नाटक से हुई थी गिरफ्तारी| अभियुक्त की गिरफ्तारी महाबलेश्वर महाराष्ट्र (1800 kms) से की गयी| एक और राष्ट्रीय घोटाला लगभग 21 करोड़ संदिग्ध राशि के लेनदेन को दर्शाता है।
8.इंस्पेक्टर शरद और टीम
उत्तराखण्ड एसटीएफ के कुमाऊँ परिक्षेत्र की साईबर थाना पुलिस द्वारा भारतवर्ष में प्रचलित डिजिटल अरेस्ट कर पीडित से 45 लाख 40 हजार की धोखाधड़ी करने वाले मुख्य अभियुक्त को लखनऊ उ0प्र0 से किया गिरफ्तार । गिरोह द्वारा ट्राई डिपार्टमेंट व मुंबई पुलिस क्राईम ब्रांच का अधिकारी बन व्हाटसप पर Video Call/Voice Call के माध्यम से पीड़ित को लगभग 36 घण्टे तक डिजिटल अरेस्ट रखा गया था।
9.इंस्पेक्टर अरुण और टीम
उत्तराखण्ड एसटीएफ के साईबर थाना कुमाऊँ परिक्षेत्र पुलिस द्वारा साईबर धोखाधडी के सरगना को दिल्ली से किया गिरफ्तार| अभियुक्त सोशल मीडिया साईट्स में विज्ञापनों के माध्यम से ऑनलाईन ट्रेडिंग कर अधिक मुनाफे का लालच देकर पीड़ितों से जमा करवाते से धनराशि।
10.इंस्पेक्टर देवेन्द्र नबियाल एवं टीम
उत्तराखंड एसटीएफ (साइबर पुलिस स्टेशन गढ़वाल रेंज) ने एक राष्ट्रीय घोटाले का नागपुर में भंडाफोड़ किया है, जहां नए सिम कार्ड जारी करने के लिए लोगों का बायोमेट्रिक लिया गया| दूरसंचार विभाग ने ईकेवाईसी मानदंड जारी किए हैं जहां बायोमेट्रिक आधारित सत्यापन और लाइव फोटो अनिवार्य है। ऐसे गिरोह योजना के नाम पर गांवों में जाकर लोगों की फोटो और बायोमेट्रिक ले रहे हैं ताकि नया सिम कार्ड जारी कराया जा सके।
11.हेड कॉन्स0 स्वदेश कुमार
राय द्वारा व्यक्तिगत रूप से अकेले ही 78 दिन में देश भर के 16 से अधिक राज्यों का भ्रमण कर 61 संदिग्ध अपराधियों का सत्यापन किया गया एवं विभिन्न गोपनीय जनकारी प्राप्त कर साझा की गई|
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 उत्तराखण्ड नवनीत सिहं द्वारा दोनो थानों (साइबर थाना देहरादून / कुमाऊं) की सराहनीय कार्यों की प्रशांसा की गयी एवं अश्वासन दिया गया कि इसी प्रकार दोनों थाने तथा 1930 प्रदेश के निवासियों की सेवा तथा साइबर अपराधियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही करने हेतु कृतज्ञ रहेंगे, तथा प्रदेश की जनता से अपील की है कि सरकार ने साइबर और ऑनलाइन धोखाधड़ी को रोकने के लिए संचार साथी वेबसाइट पर चाक्षु पोर्टल लॉन्च किया है। आप साइबर अपराध की शिकायत तत्काल 1930 साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर या http://www.cybercrime.gov.in पर भी दर्ज करा सकते हैं। इसी के साथ सभी मीडिया बन्धु व प्रदेश की जनता को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं ।