राज्य में एमएसएमई पारितंत्र के विकास के लिए सिडबी ने राज्य सरकार के साथ समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर किया
देहरादून। भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी), सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के संवर्द्धन, वित्तपोषण और विकास के लिए देश की शीर्ष वित्तीय संस्था, राज्य में एमएसएमई क्षेत्र के लिए समग्र इको सिस्टम को मजबूत करने के लिए, उत्तराखंड सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन भी निष्पादित किया है। एमओयू को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की उपस्थिति में, एस ए मुरुगेसन, आईएएस, महानिदेशक, उद्योग विभाग, उत्तराखंड सरकार और मनोज मित्तल, उप प्रबंध निदेशक, सिडबी द्वारा निष्पादित किया गया। इसके अंतर्गत, सिडबी उत्तराखण्ड सरकार के अधीन एक परियोजना प्रबंध इकाई स्थापित करेगा। यह परियोजना प्रबंध इकाई राज्य में एमएसएमई के संगठित विकास एवं संवृद्धि के लिए विस्तृत योजना तैयार करने, ईक्विटी सहायता, ब्याज अनुदान सहायता, दबाव ग्रस्त एमएसएमई संबंधी समाधान, आदि के लिए योजना (योजनाएँ) तैयार करने, संभावित/उभरते उद्यम-समूहों की मैपिंग करने तथा राज्य सरकार की अन्य आवश्यकताओं को पूरा करने का कार्य करेगी। परियोजना प्रबंध इकाई राज्य में एमएसएमई से संबंधित कार्यक्रमों, गतिविधियों, परियोजनाओं, आदि को सरल बनाएगी और उनकी प्रभावोत्पादकता बढ़ाने एवं बाधाएँ हटाने के उद्देश्य से यदि कोई आशोधन अपेक्षित होंगे, तो उनके बारे में सुझाव देगी। परियोजना प्रबंध इकाई दबावग्रस्त एमएसएमई इकाइयों के पुनर्वास/पुनरुज्जीवन के लिए मौजूदा संरचना को अधिक प्रभावी बनाने के लिए आवश्यक सुधार करने में उत्तराखण्ड राज्य को सहयोग देगी।
इस अवसर पर, सिडबी के उप प्रबंध निदेशक मनोज मित्तल ने कहा ‘‘प्रयास यह है कि एमएसएमई को योग्य ऋण सुविधाएं प्रदान की जाएं, जो कुशल और प्रतिस्पर्धी होने के साथ-साथ आगे बढ़ना चाहते हैं और देश को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक हो सकते हैं। इसके अलावा, सिडबी, एक बाजार निर्माता होने के नाते, क्रेडिट प्लस इनिशिएटिव के माध्यम से एमएसएमई की क्षमता बनाने में मदद करेगा और इस प्रक्रिया में, उन्हें संस्थागत ऋण के लिए पात्र बनाता है। इससे आत्मनिर्भर एमएसएमई के प्रति एक इको-प्रणाली के निर्माण के लिए पूर्ण प्रदर्शनकारी प्रभाव पैदा होगा। राज्य में बड़े पैमाने पर फार्मा उद्योग का अस्तित्व चिकित्सा उपकरण क्षेत्र की ओर एक प्राकृतिक और तार्किक रूप से आगे बढ़ने की संभावना को दर्शाता है। सिडबी द्वारा राज्य में चिकित्सा उपकरण क्षेत्र की रिपोर्ट, राज्य सरकार को इस क्षेत्र के विकास के लिए पहल करने और लोकल के लिए वोकल दृष्टिकोण को बढ़ावा देने में मदद करेगी। इसके अलावा, विशेषज्ञों द्वारा संचालित एक परियोजना प्रबंधन इकाई की स्थापना भी राज्य में उद्यम इको सिस्टम को मजबूत करने के उद्देश्य से की गई है।’’
उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने संबोधन में राज्य सरकार द्वारा राज्य में औद्योगिक विकास के लिए किए जा रहे हैं विभिन्न प्रयासों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि राज्य एमएसएमई क्षेत्र पर विशेष जोर दे रहा है और यह एमओयू राज्य में एमएसएमई ईको-सिस्टम को मजबूत करेगा। मुख्यमंत्री ने चिकित्सा उपकरण क्षेत्र के विकास पर रिपोर्ट के लिए सिडबी को धन्यवाद दिया। उन्होंने यह विश्वास भी जताया कि यह एमओयू भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान में महत्वपूर्ण योगदान होगा।
सिडबी राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रही है और हाल के दिनों में राज्य सरकारों के साथ उपयुक्त हस्तक्षेप करने के लिए अपनी भागीदारी को मजबूत कर रही है। सिडबी ने भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान की दिशा में एमएसएमई के लिए कई नई पहल की योजना बनाई है। इसमें से एक पहल वित्तीय और गैर-वित्तीय हस्तक्षेपों के माध्यम से नए बाजारों का पता लगाना और उनका विकास करना है। कोविद-19 महामारी और वैश्विक भू-राजनीतिक परिदृश्य के चलते स्वास्थ्य और स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इसने, अन्य औद्योगिक क्षेत्रों के बीच, चिकित्सा उपकरणों के क्षेत्र में ध्यान केंद्रित किया है और एमएसएमई में स्वदेशी विनिर्माण क्षमताओं के निर्माण को सनराइज सेक्टर चिह्नित किया गया है। तदनुसार, इस दिशा में राज्य सरकार के प्रयासों को समपूरक करने के लिए, सिडबी ने उत्तराखंड में चिकित्सा उपकरण क्षेत्र के विकास की संभावनाओं का अध्ययन करने के लिए एक प्रतिष्ठित कंसल्टिंग फर्म, यानी अर्न्स्ट एंड यंग एलएलपी की सेवाएं लीं। अध्ययन में उत्तराखंड में इस क्षेत्र के विकास के लिए राजकोषीय और गैर-राजकोषीय और अल्पकालिक और दीर्घकालिक रणनीतियों और रोड मैप की सिफारिश की गई है। माननीय मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड में चिकित्सा उपकरणों के क्षेत्र के विकास पर सिडबी की रिपोर्ट का अनावरण किया।
इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के अध्यक्ष श्री पंकज गुप्ता ने सिडबी की इस पहल की सराहना की। उन्होंने उत्तराखंड सरकार से चिकित्सा उपकरणों के क्षेत्र में सिडबी की रिपोर्ट में सिफारिशों को जल्द से जल्द लागू करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता लगभग 35000 करोड़ रुपये के आयात को रोका जा सकता है।