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कोटाबाग महाविद्यालय में शीघ्र खुलेगा कृषि संकाय : डॉ धन सिंह रावत

कोटाबाग महाविद्यालय में शीघ्र खुलेगा कृषि संकाय : डॉ धन सिंह रावत

नैनीताल । प्रदेश के उच्च शिक्षा, विद्यालयी शिक्षा, संस्कृति शिक्षा, सहकारिता, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डा0 धनसिंह रावत ने कालाढूगी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, कोटाबाग राजकीय महाविद्यालय के साथ ही बैलपडाव में पीएचसी सेन्टर का निरीक्षण के साथ ही राजकीय महाविद्यालय कोटाबाग में स्वास्थ्य, उच्च शिक्षा एवं माध्यमिक शिक्षा के अधिकारियों के साथ बैठक कर दिये दिशा निर्देश। इसके उपरान्त मंत्री डा0 रावत द्वारा सुशीला तिवारी चिकित्सालय में घायल मरीजो से मुलाकात के साथ ही उच्च शिक्षा निदेशालय गौलापार में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।

डा0 रावत ने कहा कि कोटाबाग राजकीय महाविद्यालय में कृषि संकाय शीघ्र खोला जायेगा यह प्रदेश का प्रथम महाविद्यालय होगा। उन्होंने कहा आने वाले सत्र के लिए दो विषयो में एमए की कक्षायें प्रारम्भ की जायेंगी साथ ही यूजीसी के मानकों के अनुसार शीघ्र ही राजकीय महाविद्यालय में कृषि विषय की कक्षायें भी प्रारम्भ कर दी जायेगी।

श्री रावत ने राजकीय महाविद्यालय कोटाबाग में जलजीवन मिशन योजना के अन्तर्गत जलसंस्थान के अधिकारियों को प्राथमिकता के आधार पर महाविद्यालय में शीघ्र जलसंयोजन कराने के निर्देश दिये।
उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान डा0 रावत ने उच्च शिक्षा के प्राचार्य को निर्देश दिये कि बच्चों से संवाद कर उनकी आवश्कतानुसार कार्य को प्राथमिकता दें। उन्होने कहा सरकार द्वारा महाविद्यालयों को कार्यो हेतु जो बजट दिया जा रहा है प्राचार्य कार्यों की प्राथमिकता को देखते हुये कार्य करें। उन्होंने बैठक में निदेशक उच्च शिक्षा को निर्देश दिये कि राजकीय महाविद्यालय में कृषि विषय की कक्षायें प्रारम्भ करने हेतु शीघ्र प्रस्ताव बनायें ताकि आने वाले सत्र में कृषि विषय की कक्षायें प्रारम्भ हो सके।

उन्होेंने कहा कि कलस्टर स्कूल वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला को बनाया जाएगा। कलस्टर स्कूल का प्रधानाचार्य सभी स्कूलों में प्रशासनिक व्यवस्था को देखेगा। स्कूल में शिक्षक लंबी छुट्टी पर जाता है या किसी विषय का शिक्षक सेवानिवृत्त हो गया है या तबादला हो गया है तो कलस्टर स्कूल का प्रधानाचार्य ही वैकल्पिक व्यवस्था तैयार करेगा। यानी दूसरे स्कूलों से शिक्षकों को अस्थायी तौर पर उस स्कूल का कार्यभार तब तक सौंपा जा सकता है जब तक वहां पर नए शिक्षक की तैनाती नहीं हो जाती। उन्होंने कहा प्रधानाचार्य अपने स्तर पर यह निर्णय ले सकता है।

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