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जिलाधिकारी हरिद्वार ने वन विभाग के अधिकारियों से इको टूरिज्म के सम्बन्ध में किया सवाल, इको टूरिज्म में क्या-क्या संभावनायें हो सकती है

जिलाधिकारी हरिद्वार ने वन विभाग के अधिकारियों से इको टूरिज्म के सम्बन्ध में किया सवाल, इको टूरिज्म में क्या-क्या संभावनायें हो सकती है


हरिद्वार:l । जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय की अध्यक्षता में शनिवार को कैम्प कार्यालय में प्रदेश में रोजगार सृजन के निमित्त वन क्षेत्रों में उत्पादित होने वाली जड़ी-बूटियों एवं सगन्ध पादप के उचित प्रबन्धन व नियोजित दोहन तथा वन क्षेत्रों में इको टूरिज्म की गतिविधियों को बढ़ावा दिये जाने हेतु कार्य योजना तैयार किये जाने के सम्बन्ध में एक बैठक आयोजित हुई।

बैठक में रोजगार सृजन के निमित्त वन क्षेत्रों में उत्पादित होने वाली जड़ी-बूटियों एवं सगन्ध पादप के उचित प्रबन्धन व नियोजित दोहन तथा वन क्षेत्रों में इको टूरिज्म की गतिविधियों को बढ़ावा दिये जाने आदि के सम्बन्ध में विस्तृत विचार-विमर्श हुआ।

जिलाधिकारी ने वन विभाग के अधिकारियों से इको टूरिज्म के सम्बन्ध में क्या-क्या संभावनायें हो सकती है, के सम्बन्ध में जानकारी ली तो अधिकारियों ने बताया कि जनपद के देवपुरा वन क्षेत्र एवं झिलमिल झील क्षेत्र में इको टूरिज्म की असीम संभावनायें हैं।

बैठक में लालढांग में पाली हाउस, भगवानपुर के बन्दरजूट में इको टूरिज्म, श्यामपुर के आसपास फ्लोरी कल्चर, सिटी फारेस्ट में कल्पवृक्ष वन आदि के सम्बन्ध में गहन चर्चा हुई।
जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि बैठक में जिन-जिन पहलुओं पर विचार-विमर्श हुआ है, के सम्बन्ध में यथाशीघ्र एक प्रस्तुतीकरण देना सुनिश्चित करें ताकि इन सभी पहलुओं पर एक विस्तृत कार्य योजना तैयार की जा सके।

इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी(प्रशासन) पी0एल0 शाह, डीएफओ मयंक शेखर झा, ग्रीन मैन विजय पाल बघेल, सचिव रेडक्रास नरेश चौधरी, मुख्य कृषि अधिकारी विजय देवराड़ी, मुख्य उद्यान अधिकारी ओम प्रकाश, पर्यटन अधिकारी सुरेश सिंह यादव, वन विभाग से सुश्री संदीपा शर्मा सहित सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित थे।

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