मनुष्य ने स्वयं को पर्यावरण का हिस्सा न मानकर उनको अपनी आवश्यकता अनुसार प्रकृति के रूप को पूरी तरह बिगाड़ दिया : भाजपा नेता विकास गर्ग
पर्यावरण दिवस, प्रकृति ने समस्त जीवों की उत्पत्ति एक ही सिद्धांत के तहत की है : विकास गर्ग
(संवाददाता Uk sahara)
देहरादून। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता विकास गर्ग ने पर्यावरण दिवस पर कहा कि प्रकृति ने समस्त जीवों की उत्पत्ति एक ही सिद्धांत के तहत की है।
वह समस्त चर अचर जीवांे के अस्तित्व को एक दूसरे से जुड़ा हुआ है, लेकिन मनुष्य ने स्वयं को पर्यावरण का हिस्सा न मानकर उनको अपनी आवश्यकता अनुसार प्रकृति के रूप को पूरी तरह बिगाड़ दिया, जिसका संपूर्ण असर पर्यावरण पर दिख रहा है। अतः हम सभी का कर्तव्य है कि प्रदूषण रोकने के हर संभव प्रयास करने होंगे। विकास के लिए प्रकृति के विनाश को रोकना होगा। पेड़, नदी, तालाब, भूमि, जल, जंगल और जीव-जंतु प्रजातियों को बचाना होगा।
विकास गर्ग ने विशेष रूप से कोरोना काल में उपजे सवालों का हवाला देते हुए कहा कि कोरोना के कारण बदली हुई परिस्थितियों ने मानव को प्रकृति और पर्यावरण के प्रति नए सिरे से सोचने पर विवश किया है, कहीं वैश्विक महामारी कोरोना भी मानव की किसी भूल का परिणाम तो नहीं? इसके कारण हुए लॉकडाउन के दौरान स्वच्छ हवा और जल क्या यह संदेश नहीं देते कि पर्यावरण को शुद्ध रखा जा सकता है। कोरोना ने पर्यावरण के प्रति इंसान को अपने विकास के लिए विनाश नहीं करने की चेतावनी दी है जिससे हमें सबक लेकर संपूर्ण मानव जगत को जागरूक करना है।
विकास गर्ग ने कहा पर्यावरण शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है, परि और आवरण जिसमें परि का मतलब है हमारे आसपास या कह लें कि जो हमारे चारों ओर है। वहीं ‘आवरण’ का मतलब है जो हमें चारों ओर से घेरे हुए है। पर्यावरण जलवायु, स्वच्छता, प्रदूषण तथा वृक्ष का सभी को मिलाकर बनता है, और ये सभी चीजें यानी कि पर्यावरण हमारे दैनिक जीवन से सीधा संबंध रखता है और उसे प्रभावित करता है।
श्री गर्ग ने कहा मानव और पर्यावरण एक-दूसरे पर निर्भर होते हैं। पर्यावरण जैसे जलवायु प्रदूषण या वृक्षों का कम होना मानव शरीर और स्वास्थय पर सीधा असर डालता है। मानव की अच्छी-बूरी आदतें जैसे वृक्षों को सहेजना, जलवायु प्रदूषण रोकना, स्वच्छाता रखना भी पर्यावरण को प्रभावित करती है। मानव की बूरी आदतें जैसे पानी दूषित करना, बर्बाद करना, वृक्षों की अत्यधिक मात्रा में कटाई करना आदि पर्यावरण को बूरी तरह से प्रभावित करती है। जिसका नतीजा बाद में मानव को प्राकर्तिक आपदाओं का सामना करके भुगतना ही पड़ता है।
विकास गर्ग ने कहा पहला विश्व पर्यावरण दिवस : संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित यह दिवस पर्यावरण के प्रति वैश्विक स्तर पर जागरूकता लाने के लिए मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 1972 में 5 जून से 16 जून तक संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा आयोजित विश्व पर्यावरण सम्मेलन से हुई। 5 जून 1973 को पहला विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया।